
बीजापुर: नेशनल पार्क क्षेत्र में 13 फरवरी 2025 को हुई पुलिस और माओवादियों के बीच मुठभेड़ में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। इस मुठभेड़ में 31 माओवादी मारे गए, जिनमें से 28 की पहचान कर ली गई है। शेष 3 शवों की पहचान प्रक्रिया जारी है।
पुलिस अधीक्षक बीजापुर डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि मारे गए माओवादियों में 11 महिलाएं और 17 पुरुष शामिल हैं। इन 28 माओवादियों के शव विधिवत रूप से उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं।
मुख्य माओवादी नेता हुंगा कर्मा ऊर्फ सोनकू ढेर
इस मुठभेड़ में मारे गए प्रमुख माओवादी नेताओं में वेस्ट बस्तर डिवीजन सचिव और डीवीसीएम हुंगा कर्मा ऊर्फ सोनकू भी शामिल है। सोनकू 1996 में माओवादी संगठन में भर्ती हुआ था और तब से वह संगठन में सक्रिय था। उस पर हत्या, डकैती, लूट, अपहरण, और पुलिस पार्टी पर हमलों समेत 8 अपराध पंजीबद्ध थे। उसके खिलाफ 3 स्थाई वारंट लंबित थे।
सोनकू का नाम जिले की कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहा है, जिनमें: 1. 2006: मुरकीनार छसबल कैंप पर हमला 2. 2007 रानीबोदली छसबल कैंप पर हमला 3. 2013 नुकनपाल कैंप से निकली केरिपु पार्टी पर हमला 4. 2025 अंबेली में पुलिस वाहन पर IED ब्लास्ट। मुठभेड़ में मारे गए अन्य माओवादी भी कई गंभीर अपराधों में शामिल थे। इनके खिलाफ लंबित वारंट की जानकारी सुभाष ओयाम(एसीएम) थाना फरसेगढ़, 2 वारंट – शशिकला कुड़ियम (पार्टी सदस्य)।थाना बीजापुर, 2 वारंट सुखमती ओयाम (पीपीसीएम) थाना कुटरू, 10 वारंट – रघु पूनेम(पीपीसीएम): थाना गंगालूर, 1 वारंट – सन्नू उईका (एसीएम): थाना गंगालूर, 1 वारंट।
मुठभेड़ स्थल से कई हथियार बरामद किए गए, जिनमें से कुछ की पहचान हो चुकी है:
1. AK-47: 2014 में सुकमा के कसलपाड़ जंगल में माओवादियों द्वारा लूटी गई थी।
2. 5.56mm INSAS रायफल: 2013 में मिरतुर साप्ताहिक बाजार में तैनात आरक्षक से लूटी गई।
3. .303 रायफल: 2006 में मुरकीनार थाना क्षेत्र में छसबल कैंप पर हमले के दौरान लूटी गई। 4. 7.62mm SLR रायफल: पहचान प्रक्रिया जारी है। इसके लिए अन्य राज्यों से पत्राचार किया जा रहा है।
वर्ष 2025 में मुठभेड़ों में 18 हथियार बरामद
इस स वर्ष छत्तीसगढ़ में पुलिस और माओवादियों के बीच हुई विभिन्न मुठभेड़ों में अब तक कुल 18 हथियार बरामद हुए हैं। इनमें से 7 हथियारों की पहचान हो चुकी है:
– AK-47: 3 में से 2, 7.62mm SLR: 7 में से 3
5.56mm INSAS 3 में से 1 303 रायफल: 5 में से 1।
पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र यादव ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से बरामद हथियार माओवादियों की क्षमता और खतरनाक इरादों को दर्शाते हैं। हुंगा कर्मा ऊर्फ सोनकू और अन्य शीर्ष नेताओं के मारे जाने से माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है।
इस अभियान को सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। इससे माओवादी गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण की संभावना बढ़ गई है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि शेष माओवादियों की पहचान और उनके हथियारों की जांच जारी है।
इस मुठभेड़ के बाद पुलिस माओवादी नेटवर्क को कमजोर करने के लिए इलाके में तलाशी अभियान तेज कर रही है। राज्य सरकार ने इस सफलता के लिए पुलिस बल को बधाई दी है और क्षेत्र में शांति स्थापित करने के प्रयास जारी रखने का आह्वान किया है।
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