महराजगंज/लक्ष्मीपुर। महराजगंज जिले के लक्ष्मीपुर ब्लाक के ग्राम पंचायत कजरी में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में दूल्हे की जगह भाई को मंडप में बैठा कर शादी कराने का मामला सामने आया है। इसकी भनक लगते ही अधिकारी सक्रिय हो गए। खंड विकास अधिकारी अमित मिश्रा ने आनन-फानन में लाभार्थियों को नोटिस जारी कर योजना में मिले सामग्रियों को वापस करा दिया है।

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत पांच मार्च को लक्ष्मीपुर ब्लाक परिसर में समारोह आयोजित किया गया था। योजना के तहत ग्राम पंचायत कजरी से एक युवती विवाह के लिए चयनित हुई थी। सभी तैयारियों के साथ वर-वधू पक्ष के लोग ब्लाक परिसर में पहुंचे। वर भी आया था, लेकिन पंजीकरण कराने के बाद किन्ही कारणों से ब्लाक परिसर से चला गया।इस कार्यक्रम के जिम्मेदार द्वारा वर-वधू को सामान देने के लिए बुलाने लगे, तो दूल्हे की जगह भाई को ही मंडप में बैठा दिया गया। इतना ही नहीं शासन से लाभ पाने के लिए बहन भाई में ही वर माला पहनाकर शादी कार्यक्रम भी कराया गया।

इस बात भनक गांव से ब्लाक और जनपद स्तर तक लगी तो अधिकारी हरकत में आ गए। खंड विकास अधिकारी अमित मिश्रा ने बताया कि लाभार्थियों को नोटिस जारी कर सामान वापस कराया गया। लड़की पक्ष को मिलने वाले 35 हजार धनराशि पर रोक लगा दिया गया।

मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार राय ने कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत कजरी के मामले की जांच कराई जाएगी। इसमें जो भी दोषी होगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं बर्दाश्त की जाएगी। परतावल के मामले की भी जानकारी प्राप्त की जाएगी।

परतावल विकास खंड परिसर में भी बीते दिनों मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में फर्जीवाड़ा का मामला प्रकाश में सामने आया था। शादी के लिए पहुंचे पहले से शादीशुदा जोड़ों को वहां से खंड विकास अधिकारी ने वापस कर दिया था। नगर पंचायत परतावल से 11 आवेदन कर्ताओं ने विवाह के लिए आवेदन किया था। जब जोड़ा वहां पहुंचा तो तीन ऐसे जोड़े मिले जो पहले से विवाहित थे। इसकी शिकायत खंड विकास अधिकारी परतावल श्वेता मिश्रा से की गई। जिस पर खंड विकास अधिकारी ने विवाह परिसर से वापस कर दिया। हालांकि अभी इसकी जांच ठंडे बस्ते में है।

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