![30_06_2024-upendra_diwedi_23749275_m](https://i0.wp.com/www.cgmp.co.in/wp-content/uploads/2024/06/30_06_2024-upendra_diwedi_23749275_m.webp?resize=696%2C392&ssl=1)
![](https://www.cgmp.co.in/wp-content/uploads/2024/06/picsart_24-06-28_16-32-10-7591370341123526656217.jpg)
नई दिल्ली। भारतीय सैन्य इतिहास में पहली बार दो सहपाठी नौसेना और थलसेना की एक साथ कमान संभालने जा रहे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी रविवार को थलसेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालेंगे, जबकि एडमिरल दिनेश त्रिपाठी 30 अप्रैल से ही नौसेना के प्रमुख हैं।
दिलचस्प बात है कि नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सैनिक स्कूल, रीवा, मध्य प्रदेश में पढ़ाई की है। वे 1970 के दशक की शुरुआत में कक्षा 5वीं से ए तक एक साथ स्कूल में रहे थे।दोनों अधिकारियों के रोल नंबर भी एक-दूसरे के आस-पास ही थे, जैसे लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी का रोल नंबर 931 था और एडमिरल त्रिपाठी का 938 था।
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी और एडमिरल त्रिपाठी सैनिक स्कूल रीवा में पिछली सदी के सातवें दशक में पांचवीं कक्षा में सहपाठी रह चुके हैं। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी का रोल नंबर 931 और एडमिरल त्रिपाठी का 938 था। स्कूल में शुरुआती दिनों से ही उनके बीच गहरी दोस्ती रही है। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी थलसेना के 30वें प्रमुख होंगे। वह जनरल मनोज पांडे का स्थान लेंगे जो 26 महीने के कार्यकाल के बाद रविवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ऐसे समय में थलसेना प्रमुख का पदभार संभाल रहे हैं जब सेना संरचनात्मक सुधारों के साथ आधुनिकीकरण के दौर से गुजर रही है। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी का उत्तरी सेना के कमांडर के रूप में लंबा कार्यकाल रहा है। उनके पास चीन और पाकिस्तान से लगती सीमाओं पर ऑपरेशंस का व्यापक अनुभव है।
1984 में जम्मू एंड कश्मीर राइफल्स में शामिल हुए थे लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी
उल्लेखनीय है कि तीनों सेनाओं के प्रमुख 62 वर्ष की आयु तक या तीन वर्ष के लिए (जो पहले हो) अपने पद पर रह सकते हैं। एक जुलाई, 1964 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी 15 दिसंबर, 1984 को सेना की जम्मू एंड कश्मीर राइफल्स में शामिल हुए थे।लगभग 40 वर्षों की अपनी लंबी एवं विशिष्ट सेवा के दौरान उन्होंने पदों पर कार्य किया है।इनमें रेजीमेंट की कमान (18 जम्मू एंड कश्मीर राइफल्स), ब्रिगेड (सेक्टर 26 असम राइफल्स), असम राइफल्स के डीआइजी ईस्ट, कोर (नौवीं कोर) एवं उत्तरी कमान के प्रमुख (2022 से 2024) शामिल हैं।वह इंफैन्ट्री के महानिदेशक भी रहे हैं। उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक और तीन जीओसी-इन-सी प्रशस्ति पत्रों से सम्मानित किया गया है।लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने रीवा स्थित सैनिक स्कूल, नेशनल डिफेंस कालेज और यूएस आर्मी वार कालेज में शिक्षा प्राप्त की है।
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कालेज (डीएसएससी), वेलिंगटन और आर्मी वार कालेज, महू (मध्य प्रदेश) में प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है। उन्होंने डिफेंस एंड मैनेजमेंट स्टडीज में एफ. फिल किया है और उनके पास स्ट्रैटजिक स्टडीज एंड मिलिट्री साइंस में दो स्नातकोत्तर डिग्रियां हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि रविवार को थलसेना के उपप्रमुख की जिम्मेदारी संभालेंगे। वह लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी का स्थान लेंगे। लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रमणि राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खड़कवासला और भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून के पूर्व छात्र रहे हैं। वह वर्ष 1985 में गढ़वाल राइफल्स में शामिल हुए थे।