अम्बिकापुर: विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बिकापुर के अध्यक्ष राकेश बिहारी घोरे के मार्गदर्शन में तथा सचिव अमित जिन्दल के निर्देश पर पी.एल.वी. श्याम शंकर ठाकुर ने बुधवार को कलाकेन्द्र मैदान, अंबिकापुर में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया। शिविर में बाल तस्करी के बारे में जानकारी दी गई।

बताया गया कि आई.पी.सी. की धारा 366-क के अनुसार 18 वर्ष से कम की आयु की लड़की को बुरे आशय से ले जाने के लिए उत्प्रेरित करना तथा आई.पी.सी. की धारा 366-ख के अनुसार 21 वर्ष से कम की आयु की लड़की को बुरे आशय से आयात करना तथा आई.पी.सी. की धारा 370 के अनुसार किसी व्यक्ति का दुर्व्यापार दण्डनीय है। आई.पी.सी. की धारा 374 के अनुसार किसी व्यक्ति को उसकी इच्छा के विरूद्ध श्रम करने के लिए विधि विरूद्ध तौर पर विवश करना भी दण्डनीय अपराध है।

नालसा ( तस्करी और वाणिज्यिक यौन शोषण पीड़ितों के लिए विधिक सेवाऐं) योजना, 2015 द्वारा भी यौन शोषण तथा तस्करी रोकने की दिशा में सार्थक पहल की गई है। जिसमें तस्करी और यौन शोषण के पीड़ितों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराना तथा उन्हें मुआवजा दिलवाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तक पहुंचाने की सहायता देना तथा उक्त विषय पर कानूनी जागरूकता तथा कारपोरेट जगत द्वारा भी अपनी सामाजिक जवाबदेही निभाते हुए ऐसे पीडितो के कौशल निर्माण और रोजगार सहित तस्करी के शिकार लोगों के पुनर्वास के लिए उपायों का समर्थन करने तथा उक्त संबंध में सभी स्टेक होल्डर के संवेदीकरण तथा उक्त क्षेत्र में अन्य संगठनो की सहायता प्राप्त करने का निर्देश है।

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