सूरजपुर: कलेक्टर इफ्फत आरा के निर्देश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी चन्द्रबेस सिंह सिसोदिया के मार्गदर्शन में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के नेतृत्व में गांव-गांव जाकर टीम ग्रामीणों बच्चों को बच्चों के अधिकारों के कानून की जानकारी दी जा रही है।
बाल अधिकार से संबंधित शिविर विकास खण्ड रामानुजनगर के मदनपुर परशुरामपुर एवं देवनगर में आयोजित किया गया। जहां बच्चों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया सवाल का सही जवाब देने वालों को पुस्तक एवं पेन से सम्मानीत किया गया। बच्चों को रोचक ढंग से उनके अधिकारों के संबंध में और उनके कानूनों की जानकारी दी गई।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री जायसवाल ने उपस्थित बच्चों को बाल विवाह के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अभी 18 वर्ष में लड़कियों की शादी हो जाती है, मगर अब सरकार द्वारा विवाह की तिथि जल्द ही 21 कर दिया जायेगा। ताकि लड़कियों की शिक्षा पूरी हो सके। लड़कीयां भी पढ़-लिख कर शिक्षित हो जाये। परिपक्त लड़की का विवाह जब होगा तो घरेलु हिंसा की घटनाएं बहुत कम होगी और कोई कुपोषित बच्चा भी नहीं होगा। बच्चों को लैंगिक अपराधों से बचने के लिए बताया गया। लैंगिक अपराध सुनसान जगह में प्रारम्भ होते है। इसलिए बच्चीयों को विरोध करने आना चाहिए। इससे बच्चों के चार सूत्र बताए गये। जिसमें नो-गो, टेल एवं एफआईआर को बताया गया। बच्चों को विस्तृत गुड-टच एवं बैड-टच को समझाया गया। उन्होंने बताया कि लैंगिक अपराध से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 सिर्फ बच्चों को लैंगिक अपराध से बचाने वाला कड़ा कानून है। बच्चों को बालश्रम के संबंध में भी बताया गया कि 14 वर्ष से कम उम्र का बालक कहीं काम नहीं करेगा और 14 से 18 के बीच का बालक ऐसे काम जिसमें शरीर को क्षति पहुंच सकती है या उनके सम्मान को ठेस पहुंच सकता है तो ऐसे काम को वर्जित किया गया है। भिक्षावृत्ति के लिए ही कानून में कड़े प्रावधान किये गये हैं।
मनोज जायसवाल ने बच्चों में बढ़ते नशे के प्रभाव पर चिन्ता व्यक्त की उन्होंने बताया कि किशोर न्याय अधिनियम में बच्चों को नशे से बचाने के लिए कछ़े कानून बनाये गये है। धाररा 77 के तहत यदि कोई बच्चा किसी बच्चे से नशे का सामान जैसे गुटका, तम्बाखू, बीड़ी, सिगरेट, गुड़ाखू मंगवाता है या बेचवाता है या बच्चे से खरीदता है तो उसे 7 वर्ष के सजा एवं एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है और साथ ही धारा 78 के तहत् यदि कोई बड़ा बच्चा को नशे के लिए प्रेरित करता है या नशा कराता है तो उसे भी सात वर्ष की सजा एवं एक लाख रुपये जुर्माने की सजा हो सकता है। बच्चों को नशे से दूर रहना है। कार्यक्रम में इन्द्रा चौबे महिला संरक्षण अधिकारी ने महिलाओं पर होने वाले अत्याचार एवं शोषण का जिक्र करते हुए कहा कि लड़कीयां ही कल कि महिला बनेगी। उन्हें अपने अधिकार के प्रति जागरुक होना पड़ेगा और अपनी लड़ाई स्वयं लड़ी होगी
कार्यक्रम में मदनपुर के सरपंच जयसिंह स्कूल के प्राचार्य ए.के. सिंह परशुरामपुर के सरपंच लाल केश्वर सिंह, अजय सिंह सचिव, उपसरपंच प्राचार्य (शा उमावि.) चन्द्रप्रताप सिंह, शा उमावि देवनगर के प्राचार्य रमेश प्रजापति, व्याख्याता धर्मेन्द्र बरेठ, व्याख्याता किरण उपाध्याय, जिला बाल संरक्षण इकाई हर गोविन्द चक्रधारी, पवन धीवर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से पैरालिगल सत्यनारायण सिंह उपस्थित थे।