बलरामपुर: जिला एवं सत्र न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष सिराजुद्दीन कुरैशी के निर्देशन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल बलरामपुर में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव रेशमा बैरागी ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत प्रत्येक घर में राष्ट्रीय ध्वज को लगाकर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जाना हैं। उन्होंने समस्त छात्र-छात्राओं, शिक्षक-शिक्षिकाओं को अपने घरों में तिरंगा झंडा लगाने को कहा। उन्होंने बाल विवाह के बारे में बताते हुए कहा कि विवाह के लिए पुरुष एवं महिला की आयु 21 वर्ष तय की गई हैं। यदि किसी का विवाह 21 वर्ष से पूर्व होता है तो वह बाल विवाह की श्रेणी में आता है, बाल विवाह एक सामाजिक कुप्रथा है। लड़कियों की कम उम्र में विवाह होने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने की प्रबल संभावना होती है तथा मातृत्व संबंधी एवं शिशु मृत्यु की संभावनाएं अधिक हो जाती है। उन्होंने टोनही प्रताड़ना अधिनियम के बारे में बताते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के लोग कुप्रथाओं, रूढ़ियों और रिवाजों से बंधे हैं। ग्रामीण लोग झाड़फुक, जादू-टोना एवं अंधविश्वास पर भरोसा रखते है। आधुनिक समय में इस तरह के धारणा रखना एक अंधविश्वास है तथा समाज को इससे ऊपर उठने की जरूरी हैं। इस अधिनियम के अंतर्गत किसी को टोनही कहने पर 3 वर्ष का कठोर कारावास व जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को मोटर व्हीकल एक्ट के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को ट्रैफिक नियमों को जानना अत्यंत आवश्यक है, बगैर हेलमेट वाहन नहीं चलाना चाहिए, दो पहिया वाहन पर दो सवारी ही बैठना चाहिए, शराब पीकर वाहन नहीं चलाना चाहिए, ट्रैफिक नियमों का पालन करना चाहिए, साथ ही उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्राओं को प्रथम सूचना रिपोर्ट, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, रैगिंग एवं आगामी आयोजित नेशनल लोक अदालत की जानकारी दी। शिविर में उपस्थित छात्र-छात्राओं को कानून को जाने एवं समझे, भारतीय संविधान में नागरिकों के मौलिक अधिकार एवं दैनिक उपयोगी कानून की जानकारी से संबंधित पम्पलेट का भी वितरण किया।