रायपुर: छत्तीसगढ़ के विभिन्न् विभागों में काम कर रहे अनियमित और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण की उम्मीद एक बार फिर जगी है। सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी सचिवों और विभागाध्यक्षों से प्रदेश में कार्यरत सभी कर्मचारियों की पांच बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। इस मुद्दे को लेकर वन विभाग, गृह विभाग और जेल विभाग के प्रमुख सचिवों की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। इसमें अधिकारियों ने ऐसे कर्मचारियों की जानकारी देने के लिए एक प्रपत्र तैयार किया है, जिसे देखने के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि सरकार नियमितीकरण की दिशा में आगे बढ़ रही है।
बता दें कि जुलाई 2022 के मानसून सत्र में राज्य सरकार ने विधानसभा में जवाब दिया था कि अनियमित और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए बनी कमेटी काम कर रही है और विभागों से जानकारी ली जा रही है। इसके पहले जुलाई 2021 में हुए विधानसभा के मानसून सत्र में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक प्रश्न के लिखित जवाब में कहा था कि अनियमित, संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मियों के रिक्त पदों पर नियमितीकरण की कार्यवाही की जाएगी। किसी की भी छंटनी नहीं की जाएगी। कांग्रेस ने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के घोषणा-पत्र में भी अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था।
राज्य के सभी विभागों के अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने के लिए तीन वर्ष पहले कमेटी गठित की गई थी। राज्य सरकार ने 11 दिसंबर 2019 को प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग तथा सार्वजनिक उपक्रम विभाग की अध्यक्षता में समिति का गठन किया था। समिति द्वारा प्रदेश के सरकारी विभागों के कार्यालय, निगम, मंडल आयोग और संस्था में पहले से कार्यरत अनियमित दैनिक वेतनभोगी और संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों की जानकारी ली जा रही है।
कर्मचारी संगठनों का दावा है कि प्रदेश में डेढ़ से पौने दो लाख कर्मचारियों को नियमितीकरण्ा का इंतजार है। संगठनों के अनुसार सरकार यदि 40 प्रतिशत वेतन बढ़ा देे, तो वह नियमित हो सकते हैं। अभी सरकार उन्हें 60 प्रतिशत वेतन दे रही है।
यह कहते हैं आंकड़े
– 1.50 से पौने दो लाख कर्मचारी कर रहे हैं नियमितीकरण का इंतजार
– 11 दिसंबर 2019 को राज्य में गठित हुई थी नियमितीकरण समिति
– 75 हजार कर्मियों की सूची अब तक पहुंची हुई है सरकार के पास
– 40 प्रतिशत वेतन बढ़ाने पर कर्मचारियों का हो सकता है नियमितीकरण
इन पांच बिंदुओं पर मांगी है जानकारी
1- विभागों में पदस्थ अनियमित दैनिक वेतनभोगी और संविदा पर कार्यरत कर्मचारी क्या खुले विज्ञापन अथवा भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्त हुए हैं?
2- क्या कार्यरत कर्मचारी उक्त पद की निर्धारित शैक्षणिक और तकनीकी योग्यता रखते हैं?
3- कार्यरत कर्मचारी जिस पद पर कार्य कर रहा है, क्या वह पद संबंधित विभाग के पद संरचना अथवा भर्ती नियम में स्वीकृत है?
4- क्या उक्त नियुक्ति में शासन द्वारा जारी आरक्षण नियमों का पालन किया गया है?
5- अनियमित दैनिक वेतनभोगी एवं संविदा पर कार्यरत व्यक्ति जिस पद पर कार्यरत हैं, उन्हें वर्तमान में कितने मानदेय का भुगतान किया जा रहा है तथा उन नियमित पदों का वेतनमान क्या है?