बलरामपुर: पशुपालन विभाग के उपसंचालक ने बताया कि पीपीआर बकरी एवं भेंड़ वंशीय पशुओं में होने वाली श्वसन तंत्र संबंधी विषाणु जनित संक्रामक रोग है। जिससे दुर्बल पशुओं में या जिन पशुओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है, उनमें संक्रमण होने की संभावना बनी रहती है। इस बीमारी से संक्रमित पशुओं में बुखार, आंखों से अधिक पानी आना, सर्दी से नाक अधिक स्त्रावण होना, दस्त होना इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं। जिससे पशुओं की मृत्यु भी हो सकती है। जिले में 20वीं पशु संगणना के अनुसार बकरी/भेंड़ वंशीय पशुओं की संख्या लगभग 03 लाख 53 हजार 249 है जिनमें विभाग द्वरा टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य के सभी जिलों में पशुधन विकास विभाग द्वारा पीपीआर रोग उन्मूलन हेतु सघन टीकाकरण कार्यक्रम 21 नवम्बर 2023 से प्रारंभ किया गया है। जिले में 21 से 30 नवम्बर 2023 तक कुल 26 हजार 732 पशुओं में टीकाकरण कार्य किया गया। जिले के 06 विकासखण्डों के समस्त ग्रामों में लगातार टीकाकरण कार्य किया जा रहा है। पशुपालन विभाग के उप संचालक ने पशुपालकों से आग्रह किया है कि टीकाकरण कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग प्रदान करें तथा अपने बकरी/भेंड़ वंशीय पशुओं में अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय/औषधालय से संपर्क करते हुए टीकाकरण अवश्य लगवायें। साथ हीं अपने बकरी/भेंड़ वंशीय पशुओं में टैगिंग भी अवश्य करवाने में सहयोग प्रदान करें। ताकि पीपीआर टीकाकरण कार्यक्रम के द्वारा इस बीमारी का जड़ से उन्मूलन किया जा सके।