बिलासपुर: आय से अधिक संपत्ति के केस में गिरफ्तार IPS और सस्पेंड ADG जीपी सिंह को हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। बताया जा रहा है कि कोर्ट ने उन्हें सशर्त जमानत दी है। हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिलने पर जीपी सिंह सुप्रीम कोर्ट चले थे। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को जमानत याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने का आदेश दिया था। जीपी सिंह गिरफ्तारी के बाद करीब 120 दिन से जेल में बंद है।
गुरुवार दोपहर उनकी जमानत पर सुनवाई के दौरान उनके अधिवक्ता आशुतोष पांडेय ने उनके खिलाफ FIR दर्ज करने से लेकर गिरफ्तारी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के एक सीनियर IPS को नियम विरुद्ध तरीके से केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है। प्रावधान के अनुसार किसी भी IPS अफसर के खिलाफ केस दर्ज करने से पहले केंद्र सरकार से अनुमति लेना आवश्यक है। लेकिन, उनके मामले में ऐसा नहीं किया गया।
उन्होंने कोर्ट से कहा कि अभियोजन की स्वीकृति नहीं हुई है। इसके बावजूद उन्हें 120 दिन से जेल में बंद रखा गया है। जबकि, चार्जशीट पेश होने के बाद जमानत किसी भी आरोपी का मौलिक अधिकार माना जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी उनके केस की जल्दी सुनवाई करने का आदेश दिया है। लेकिन, तीन माह से ज्यादा समय से जमानत याचिका लंबित है। उनकी दलीलों को सुनने के बाद जस्टिस दीपक तिवारी ने जीपी सिंह को सशर्त जमानत देने का आदेश दिया है।
EOW की टीम ने उन्हें 11 जनवरी को नोएडा से गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें 7 दिन के लिए पुलिस रिमांड पर रखा गया था। 18 जनवरी को उन्हें विशेष अदालत में पेश किया गया। इसके बाद से जीपी सिंह जेल में है। निचली अदालत से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उनके वकील आशुतोष पांडेय ने हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाई है। इस दौरान जमानत देने के लिए उन्होंने अंतरिम राहत की मांग की थी, जिसे हाईकोर्ट ने ठुकरा दिया था। इसके साथ ही जस्टिस दीपक तिवारी ने जमानत पर नंबर आने पर ही सुनवाई करने के निर्देश दिए थे। तब से उनकी जमानत पर सुनवाई हाईकोर्ट में लंबित है।
जीपी सिंह के वकील आशुतोष पांडेय ने बताया कि चार मई को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट में ही सुनवाई करने का आदेश दिया है। इस दौरान 9 मई को केस हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी की बेंच में लगा था। उन्होंने इस मामले को एप्रोपिएट बेंच में रखने के निर्देश दिए। 10 मई को जस्टिस दीपक तिवारी की बेंच में उनकी बेल पर नंबर नहीं आ पाया।
फैसले से पहले ही सजा, बताया संविधान का उल्लंघन
जमानत याचिका में जीपी सिंह के वकील ने तर्क दिया है कि EOW की जांच पूरी हो गई है। जिसके बाद कोर्ट में चार्जशीट भी पेश कर दिया गया है। मामले में अभी ट्रायल शुरू नहीं हुआ है। फिर भी उन्हें जेल में रखा गया है। इन परिस्थितियों में जमानत उनका अधिकार है। याचिका में कहा गया है कि जीपी सिंह अपनी गिरफ्तारी से पूर्व ही EOW की सभी नोटिस का जवाब दे चुके हैं। EOW ने आय से अधिक संपत्ति का मामला बनाया है, उसमें उन्हें अपनी संपत्ति का ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए मौका नहीं दिया गया है, जो संविधान की अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।