अंबिकापुर: जल संचयन एवं सिंचित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए नरवा विकास योजना अंतर्गत नरवा उपचार से करीब 45 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई सुविधा बढ़ने से क्षेत्र के किसानों द्विफसली खेती का लाभ मिला। नरवा के सभी कार्य मनरेगा के माध्यम से हुए जिससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला एवं किसानों के फसलीय रकबे में भी वृद्धि हुई।
बतौली जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत करदना में झोझा नाला के 2.5 कि.मी. एरिया को उपचारित किया गया जिसमें ड्रेनेज ट्रीटमेंट अंतर्गत 103 कार्य लिए गए तथा भूमिगत जल को रिचार्ज करने के उद्देश्य से एरिया ट्रीटमेंट अंतर्गत 40 कार्य स्वीकृत किए गए जिसकी अनुमानित लागत 70 लाख रुपये है। झोझा नाला कलस्टर वन में चयनित नालों में से है, जिसका उपचार होने के बाद सिंचाई हेतु कृषक इसका लाभ ले रहे है। इसके लिए किये प्रमुख कार्य अंतर्गत ड्रेनेज ट्रीटमेंट में तीन गेबियन, 60 लूज बोल्डर चेकडेम, 40 अर्दन गली प्लग की संरचनाए बनाई गई एवं एरिया ट्रीटमेंट में चार डबरी एवं 40 रिचार्ज पीट तैयार किए गए। वर्तमान में सभी कार्य पूर्ण हो चुके है। कार्यों के पूर्ण होने से लगभग 45 हेक्टेयर एरिया में सिंचाई सुविधा बढ़ी है जिसमें धान, गन्ना, टमाटर, खीरा की खेती की जा रही है। लाभ लेने वाले किसानों में प्रमुख रुप से जयप्रकाश, दिलीप, सदाराम, चमरू, महावीर राजकुमार, नवीन, बुधीराम, रामवीरू, सहाल, बालम आदि हैं। रिज टू वैली सिंद्वात के आधार पर नरवा अंतर्गत पानी की हर बूंद बचाने का प्रयास किया जा रहा है। नरवा अंतर्गत बनने वाले छोटे-छोटे स्ट्रक्चर से पानी की गति को कम किया जाता है जिससे भूमि में पानी को सोखने की क्षमती बढ़ती जाती है जिससे भूमिगत जल का स्तर बढ़ता है।