
रायपुर। राजधानी रायपुर के विधानसभा थाना क्षेत्र में अपराधियों के बढ़ते हौसले और पुलिस की निष्क्रियता ने कानून व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है। सड्डू स्थित एकता चौक पर महाकालेश्वर ज्वेलर्स के संचालक मुकेश सोनी के साथ हुई सनसनीखेज घटना ने व्यापारी वर्ग में दहशत पैदा कर दी है। आरोप है कि जिलाबदर बदमाश यासीन अली ईरानी ने अपने गुर्गों के जरिए दुकान में घुसकर पिस्टल तान दी और कारोबारी को धमकाया।
दुकान में घुसकर दी जान से मारने की धमकी
मुकेश सोनी ने बताया कि 5 फरवरी को दो बदमाश दुकान में घुसे और पिस्टल निकालकर उनकी कनपटी पर तान दी। धमकाते हुए कहा, कहां गोली मारें?”। बदमाशों ने सोने की दो अंगूठियां उधारी में बनाने का दबाव डाला। महिला ग्राहक के दुकान में घुसने से उनकी जान बच गई, और आरोपी मौके से फरार हो गए।
CCTV फुटेज में कैद पूरी घटना, लेकिन FIR में हेरफेर
पीड़ित ने आरोप लगाया कि इस घटना का पूरा CCTV फुटेज मौजूद है, लेकिन पुलिस ने शिकायत में छेड़छाड़ करते हुए पिस्टल तानने की घटना को FIR में शामिल ही नहीं किया। FIR में मामूली धाराओं के साथ केवल दो अज्ञात युवकों का नाम दर्ज किया गया। मुख्य आरोपी यासीन अली ईरानीका नाम FIR में दर्ज नहीं किया गया।
खौफ में बंद है दुकान, पुलिस कार्रवाई से बच रही
मुकेश सोनी पिछले 8 दिनों से दुकान नहीं खोल रहे हैं। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि कार्रवाई करने की बजाय पुलिस मुख्य आरोपी को बचाने का प्रयास कर रही है। दुकान और घर के बाहर संदिग्ध लोग अब भी रेकी कर रहे हैं, लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
विधानसभा थाना प्रभारी ने बताया कि FIR दर्ज कर ली गई है और दो आरोपी फरार हैं। “उनकी गिरफ्तारी के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी,” उन्होंने कहा। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब घटना के CCTV फुटेज मौजूद हैं, तो FIR से पिस्टल वाली घटना को क्यों हटाया गया?
इस घटना से रायपुर के व्यापारियों में भारी आक्रोश और डर है। व्यापारियों का कहना है कि राजधानी में यदि अपराधियों का यह हाल है कि वे दिनदहाड़े दुकान में घुसकर पिस्टल तान सकते हैं और पुलिस आरोपियों को बचाने में जुटी है, तो व्यापार करना मुश्किल हो जाएगा।
क्या रायपुर में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है?यह घटना रायपुर की कानून व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े करती है। क्या अपराधियों पर पुलिस का कोई खौफ नहीं है?क्या FIR से मुख्य आरोपी का नाम हटाना पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल नहीं उठाता?कब तक व्यापारी वर्ग को अपनी सुरक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ेगा?
अब देखना होगा कि पुलिस निष्पक्षता से कार्रवाई करती है या फिर इस मामले में अपराधियों को बचाने के आरोप और गहराते हैं।