नई दिल्ली: चंद्रयान-3 मिशन में सफलता की उड़ान भरने के भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अब अपने Aditya-L1 Solar Mission 2023 को लॉन्च करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सूर्य का अध्ययन करने के लिए इसरो कल सुबह 11बजकर 50मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा लॉन्चपैड से PSLV-C57 रॉकेट की मदद से मिशन को लॉन्च करेगा।
Aditya-L1 Solar Mission 2023 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को पृथ्वी से सूर्य के निकट लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 की लगभग 1.5 मिलियन किमी. की दूरी तय करने में लगभग 125 दिन लगेंगे।इसरो 2 सितंबर शनिवार को सुबह 11बजकर 50मिनट पर कुल सात पेलोड के साथ PSLV-C57 रॉकेट को लॉन्च करेगा। आदित्य एल1 प्रोपल्शन मॉड्यूल पृथ्वी और सूर्य के बीच स्थित लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 तक पहुंचने के लिए लगभग 125 दिनों लगेंगे। इस दौरान वो लगभग 1.5 मिलियन किमी. की दूरी तय करेगा।
लॉन्च का सीधा प्रसारण ISRO की वेबसाइट, यूट्यूब चैनल के साथ-साथ इसके सोशल मीडिया हैंडल पर देखा जा सकता है। दर्शक दूरदर्शन पर भी सीधा प्रसारण देख सकते हैं।
क्या है आदित्य एल1 मिशन?
Aditya-L1 Solar Mission 2023 का मुख्य उद्देश्य सूर्य के वायुमंडल की सबसे बाहरी परत जिसे कोरोना और क्रोमोस्फीयर कहा जाता है, उसकी वायुमंडलीय गतिशीलता का अध्ययन करना है। इसरो सौर मिशन के तहत सूर्य की कई परतों में होने वाली प्रक्रियाओं का पता लगाने के लिए भी अध्ययन करेगा।
इसरो के ओर से जारी एक बयान में उम्मीद जताई गई है कि आदित्य एल1 पेलोड के सूट से कोरोनल हीटिंग, कोरोनल मास इजेक्शन, प्री-फ्लेयर और फ्लेयर गतिविधियों और उनकी विशेषताओं समेत मौसम की गतिशीलता आदि की समस्या को समझने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है। साथ ही बताया गया है कि सात में से चार पेलोड सूर्य का अध्ययन करेंगे, जबकि अन्य तीन स्थानीय पर्यावरण का निरीक्षण करने के लिए लैग्रेंजियन पॉइंट पर Experiment करेंगे।