नई दिल्ली: पुरी के जगन्नाथ मंदिर के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को 12वीं सदी के मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है, क्योंकि रत्न भंडार (कोषागार) के आंतरिक कक्ष से कीमती सामान को अस्थायी ‘स्ट्रांग रूम’ में स्थानांतरित किया जाएगा। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। मंदिर के तहखाने में स्थित रत्न भंडार में एक बाहरी और एक आंतरिक कक्ष है। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के प्रमुख अरबिंद पाधी ने बुधवार को कहा, “बृहस्पतिवार को रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष को फिर से खोलने की व्यवस्था की जा रही है, इसलिए हमने मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे के बाद किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।” उन्होंने कहा कि केवल अधिकृत व्यक्तियों और सेवकों को ही सुबह आठ बजे के बाद मंदिर में प्रवेश की अनुमति होगी और बृहस्पतिवार को मंदिर का केवल सिंह द्वार खुला रहेगा।
दरअसल आज एक बार फिर पुरी के भगवान जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार खुलने जा रहा है। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन आज रत्न भंडार के अंदरूनी चैंबर को फिर से खोलेगा ताकि इसमें मौजूद आभूषणों को एक अस्थायी भंडारगृह में शिफ्ट किया जा सके। भगवान के रत्न भंडार को मरम्मत के लिए 46 साल बाद 14 जुलाई को खोला गया था। आज रत्न भंडार की देखरेख के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित समिति की मौजूदगी में अंदरूनी चैंबर को खोला जाएगा। इसके लिए अंदरूनी रत्न भंडार खोलने की शुभ घड़ी मिल गई है। आज सुबह 9:51 बजे से दोपहर 12:15 बजे के बीच फिर से रत्न भंडार के ताले खोले जाएंगे। इसके बाद समिति के 11 सदस्य भीतरी रत्न भंडार में प्रवेश करेंगे। अंदर रखी सामग्रियों की समिति के सदस्य बारीकी से देखरेख करेंगे। इसके बाद गहनों को सावधानी पूर्वक नई आलमारी और बक्से में रखकर शिफ्ट किया जाएगा। इस दौरान पूरी कार्रवाई की वीडियो ग्राफी भी की जाएगी।
1978 में आखिरी बार खुला था भंडारगृह
बता दें कि 11 सदस्यीय समिति की अगुलाई हाईकोर्ट के जज विश्वनाथ रथ कर रहे हैं। शुभ मुहूर्त सुबह 9.51 बजे से 12 बजे तक का निकाला गया है। इसी दौरान समिति के सदस्य भंडारगृह में प्रवेश करेंगे। बता दें कि साल 1978 से भगवान जगन्नाथ का भंडारगृह बंद पड़ा था। इसे खोलने की तमाम कोशिश हुई लेकिन रत्न भंडार नहीं खुल सका। महाप्रभु के रत्न भंडार को खोले जाने की मांग वर्षों से उठ रही थी। इस बार रत्न भंडार और पुरी मंदिर के चारों गेट खोले जानें की मांग चुनावी मुद्दा बन चुका था। भाजपा ने अपने मेनिफोस्टो में रत्न भंडार को खोले जाने को शामिल किया था। ऐसे में राज्य में भाजपा की सरकार जैसे ही बनी तो अब 46 साल बाद भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार को खोल दिया गया है। बता दें कि साल 1978 में जब रत्न भंडार के दरवाजे खोले गए थे, उस समय करीब 140 किलो सोने के गहने, 256 किलो चांदी के बर्तन मिले थे। पुरी मंदिर प्रशासन के मुताबिक इन आभूषणों में कीमती पत्थर जड़े हैं।