बलरामपुर: जिला पंचायत बलरामपुर के अधीनस्थ जनपद पंचायत कुसमी में कथित तौर पर राजनीति हावी होने के कारण करीब साढ़े तीन वर्षों कई सीईओ बदले जा चुके हैं. जिसका सीधा असर विकास कार्यो पर पड़ रहा हैं।

उल्लेखनीय हैं कि जनपद पंचायत कुसमी के वर्तमान सीईओ का कुर्सी में बैठे महज कुछ महीना ही हुवा था. लेकिन राजनीतिक गतिविधियों के शिकार होकर उन्हें कुसमी के जनपद पंचायत की कुर्सी से हटाकर शंकरगढ़ के सीईओ को जनपद पंचायत शंकरगढ़ के साथ-साथ कुसमी का भी प्रभार विगत दिनों दे दिया गया. हालांकि जिला पंचायत तक जनपद पंचायत कुसमी के किसी भी जनप्रतिनिधियों ने जाकर वर्तमान सीईओ को अन्यत्र हटाए जाने की मांग नहीं कि हैं. और किसी प्रकार का आरोप भी सामने नहीं आया था. इस स्थिति में कुछ ही महीने में सीईओ के तबादले के कारण राजनीतिक गहराईयों की हलचल और अधिकारियों पर दबाव कौन बना रहा हैं यह जनपद पंचायत कुसमी स्तर के ग्रामीण अंचल सहित कुसमी के अन्य दलों के नेताओं में चर्चा जोरों पर हैं.

लगातार जल्दबाजी में जनपद पंचायत कुसमी के सीईओ का तबादला किये जाने से और जनपद पंचायत कुसमी को राजीनीति का अखाड़ा बनाये जाने से कामकाज प्रभावित होकर विकास की धारा पटरी पर नहीं आ पा रही हैं. जिसका सीधा खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा हैं. नए सीईओ जो भी आते हैं उनका शुरुआती दौर में यहीं शब्द रहता हैं कि रुकीये मैं तो नया हूँ थोड़ा क्षेत्र को समझ तो जाऊ और जब तक जनपद पंचायत के सीईओ क्षेत्र को समझते हैं तथा यहां की राजनीति गतिविधियों को समझते हैं तब-तक उन्हें अन्यंत्र हटा दिया जाता हैं. ऐसे में जनपद पंचायत कुसमी का विकास भगवान भरोसे चल रहा हैं.

कई शिकायत लंबीत

ग्राम पंचायतों में होने वाले निर्माण कार्यों में कई प्रकार की शिकायतें जनपद पंचायत कुसमी में आती रहती हैं तथा शिकायत मिलने के बाद उस पर जांच की शुरुआत तो की जाती है लेकिन मिली वित्तीय अनियमितता की शिकायत की जांच सीईओ के बदलने के बाद लंबित पड़ जाती हैं. जिसे भी विचार करने की आवश्यकता हैं। आखिरकार जनपद पंचायत कुसमी में सीईओ क्यों नहीं टिक पा रहे हैं यह सवाल लगातार उठ रहा है ऐसी राजनीतिक चर्चा है कि राजनीतिक हावी है लगातार सीईओ के बदले जाने से जनपद पंचायत का सभी कार्य प्रभावित हो रहा हैं.

समय पर न चेक कट रहा न कार्य स्वीकृति हो रहें

लगातार सीईओ के बदले जाने से ग्राम पंचायतों के लिए कई तरह की मुश्किल खड़ी हो रहीं हैं. निर्माण हो रहे हैं पर चेक नहीं कट रहा है कहीं प्रस्ताव बना हुआ है तो प्रस्ताव स्वीकृत नहीं हो रहा है पंचायतों के कई काम तबादले से अटक गए हैं।

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!