बलरामपुर: सुर्खियों में रहने वाला नगर पंचायत राजपुर में मुख्यमंत्री घोषणा मद से लगभग एक करोड़ बीस लाख रुपए का मैनुल पद्धति से विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए निविदा आमंत्रित किया गया था जिसमे ठेकेदार से जीवित पंजीयन प्रमाण पत्र, पेन कार्ड, जीएसटी सर्टिफिकेट, बैंक साल्वेंसी, तीन वर्षो का आयकर चुकता प्रमाण पत्र, सौ रुपए का स्टाम्प में इंजीनियर अनुबंध ,टूल्स प्रमाण पत्र के साथ स्वयं द्वारा सत्यापित करके लेटर पैड के साथ सत्रह तारीख तक आवेदन करना था जिसमे कुल बयालीस ठेकेदार शामिल हुए उसके बाद बाइस तारीख को निविदा प्रपत्र प्राप्त करना था जब बाइस तारीख को ठेकेदार निविदा प्रपत्र लेने निकाय पहुंचे तो ठेकेदारों को बताया गया की अभी आवेदन पत्रों की जॉच चल रही हैं उसके बाद निकाय के सूचना पटल पर आवेदन पत्रों की जॉच सूची को चस्पा कर सूचना लगाया गया जिसमे सोलह ठेकेदारों के आवेदन पत्रों में दस्तावेज कम पाए गए लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण अपात्र ठेकेदारों को नगर पंचायत राजपुर सीएमओ राजेश कुशवाहा के द्वारा अपने अड़ियल रवैया अपनाते हुए पात्र करते हुए निविदा प्रपत्र लेने की तारीख तेईस तारीख तक बढ़ाई गई हैं जिससे ठेकेदारों व जनप्रतिनिधियों में सीएमओ की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी का वातावरण निर्मित हैं जिसको लेकर बीते तेईस अगस्त को ठेकेदारों के प्रतिनिधि मंडल ने एसडीएम और नगर पंचायत अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपकर अपात्र ठेकेदारों को निविदा प्रक्रिया से पृथक करने की मांग की थी साथ ही ज्ञापन की प्रति संयुक्त संचालक एवं संचालक नगरीय प्रशासन के साथ ही कलेक्टर बलरामपुर को प्रेषित किया था जिसके बाद आज पच्चीस अगस्त को सीएमओ राजेश कुशवाहा के द्वारा अपरिहार्य कारणों का हवाला देते हुए निविदा को निरस्त करने व पृथक से निविदा जारी करने का आदेश करते हुए निविदा को निरस्त कर दिया हैं।
न्याय की हुई जीत पूर्व में ही सीएमओ अपने अड़ियल रवैया पर नही रहते, तो ये निविदा अपने समय से पूर्ण होने के साथ ही जल्द ही विकास कार्य अपने गति पर रहती लेकिन अब कोशिश रहेगी की देर आए दुरुस्त आए की तरह कार्य हो।