नई दिल्ली: दिल्ली में कथित तौर पर हुए शराब घोटाला मामले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के आधार पर चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने के लिए 10 मई को अंतरिम जमानत दे दी। जमानत के बाद दो जून को केजरीवाल को सरेंडर करना होगा। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल शनिवार को हनुमान मंदिर दर्शन करने पहुंचे और फिर उन्होंने प्रेस कान्फ्रेंस की। अरविंद केजरीवाल ने खुलासा किया कि गिरफ्तारी के बाद भी उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया? उन्होंने कहा कि केजरीवाल को कभी किसी पद का लालच नहीं था, ना मैं यहां सीएम बनने आया था और ना ही पीएम। मैं तो इनकम टैक्स में कमिश्नर की नौकरी करता था।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब जनता ने मुझको पहली बार दिल्ली का सीएम बनाया, तो मैंने 49 दिनों के अंदर सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था क्योंकि मैं अपने उसूलों पर चलता हूं।.मेरे लिए सीएम पद महत्वपूर्ण नहीं है, मैंने जेल जाने के बाद भी सीएम पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया क्योंकि पिछले 75 साल से भारत में दिल्ली के अंदर सबसे ऐतिहासिक बहुमत आम आदमी पार्टी ने जीता है और इतने भारी बहुमत से किसी भी राज्य की सरकार बनी।

सीएम ने कहा कि बीजेपी पता है कि वो हमें दिल्ली में हरा नहीं सकते, इसलिए उन्होंने झूठा षडयंत्र रचा कि केजरीवाल को इस्तीफा देना पड़ेगा और सरकार गिर जाएगी, पार्टी टूट जाएगी। उनकी मंशा तो पूरी नहीं हुई। केजरीवाल ने कहा कि “…75 वर्षों में किसी अन्य पार्टी को इस हद तक परेशान नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि वह भ्रष्टाचार से लड़ रहे हैं लेकिन सभी चोर उनकी पार्टी में हैं…मैंने सीएम पद नहीं छोड़ा क्योंकि फर्जी मामले के आधार पर मुझे इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने की साजिश रची गई थी…”तुम अगर जनतंत्र को जेल में कैद करोगे, तो सरकार जेल से चलाकर दिखाएंगे, तुम्हारे ट्रैप में फंसने वाले नहीं हैं और मैंने जेल से सरकार चलाई।

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