बलरामपुर: बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम सनवाल में खेरवार समाज का महासम्मेलन पूर्व जनपद अध्यक्ष मोहन सिंह के अध्यक्षता में संपन्न हुआ। जिसमें खेरवार समुदाय के द्वारा आदिवासी परंपरा रीति रिवाज प्रदर्शित कर जनजाति के मुख्य सूची में शामिल करवाने की तैयारी किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ आदिवासी रीति रिवाज से ग्राम के बैगा ने पूजा अर्चना कर किया।

खरवार समाज के लोगों ने मांदर बजाकर, लोकगीत और लोकनृत्य की प्रस्तुति दी। जिसमें प्रदेश भर से खेरवार समाज के पदाधिकारी लोग शामिल हुए। मुख्य अतिथि वीर सिंह ने कहा छत्तीसगढ़ में हमें खैरवार खेरवार खरवार के नाम से जाना जाता है किन्तु खैरवार नाम सूची में शामिल है किन्तु खेरवार और खरावर को छोड़ दिया गया। जबकि खरवार, खेरवार, खैरवार एक ही समाज है और समाज का रीति रिवाज,परम्परा, संस्कृति रोटी बेटी का संबंध समान है।मुख्य सूची में शामिल कराने के लिए प्रदेश के लोगों ने कई वर्षों से प्रयासरत हैं अब हम सब संगठित होकर इसे जल्द जनजाति के मुख्य सूची में शामिल कर पाएंगे।


कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे मोहन सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि समाज के हर वर्ग को समाज काम के लिए राजनीतिक दल, उच्च नीच, छोटा बड़ा की भावना छोड़कर समाज के काम में एकजुट होने की आवश्यकता है।खेरवार समाज के जिला अध्यक्ष उदय राज सिंह ने भी हमारे खेरवार समाज को नशा अंधविश्वास को छोड़कर समाज को आर्थिक राजनीतिक शैक्षणिक रूप से मजबूत करने होंगे की जरूरत है।कार्यक्रम में ललित सिंह, बबला नंद, नंदलाल सिंह, रामनारायण सूर्यवंशी, रामज्ञान,रामलाल बिहारी सिंह, रामचंद सिंह, शिवकुमार सिंह प्रतिभा सिंह मीरा बाई , रमाशंकर सिंह सहित हजारों की संख्या क्षेत्र के लोग उपस्थित रहे।


आदिवासी बने रहने के लिए परंपरा का जीवित होना जरूरी :सिंह

यूवा प्रभाग के प्रदेश अध्यक्ष अमित सिंह ने कहा कि खेरवार, खरवार खैरवार समाज के लोग की परंपरा रीति रिवाज बोली भाषा संस्कृति आदिवासी वाला ही है किंतु कुछ लोग अपनी परंपरा को भूल भी रहे हैं जो भूल रहें हैं उन्हें अपनी संस्कृति और परंपरा की ओर लौटना होगा।आदिवासी बने रहने के लिए आदिवासी परंपरा की होना सख्त जरूरत है।

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