रायपुर:-छत्तीसगढ में सोशल मीडिया को निगरानी में लाने का सिस्टम तैयार हो गया है. सोशल प्लेटफार्म पर भेजे जाने वाले मैसेज, वीडियो और तस्वीरों को काबू में रखने के लिए सरकार नवा रायपुर में सोशल मीडिया इनवेस्टिगेशन-मॉनिटरिंग लैब बनाने जा रही है.यही नहीं, प्रदेश के हर जिले में जानकार पुलिस अफसरों और साइबर एक्सपर्ट्स को मिलाकर विशेष साइबर टीमें बनाई जाएंगी.यह हैशटैग और की-वर्ड के जरिए संदेशों की निगरानी करेंगी.

इसके अलावा, खास तरह की ट्रेनिंग के साथ लगभग सभी जगह जानकार पुलिस अफसर-कर्मचारियों को सोशल मीडिया प्लेटफार्म में एक्टिव किया जा रहा है, ताकि वे संदेशों पर रियल टाइम नजर रख सकें. कवर्धा और जशपुर की घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर यह सिस्टम एक्टिवेट किया जा रहा है, ताकि सोशल मीडिया के जरिए प्रदेश का माहौल खराब करने से रोका जा सके. आला पुलिस अफसरों ने बताया कि थानों से लेकर रेंज स्तर पर साइबर सूचना तंत्र विकसित किया जा रहा है, ताकि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सक्रिय लोगों पर नजर रखी जा सके. इसके तहत एंटी सोशल एक्टिविटीज को ट्रेस करने के लिए सायबर एक्सपर्ट, साफ्टवेयर एप्स, सोशल मीडिया प्रोफेशनल्स की मदद ली जाएगी.

की-वर्ड और हैशटैग से अलग की जाएंगी विवादित पोस्ट

लैब में यह सारे काम जो सख्ती के लिए जरूरी
विशेषज्ञों के मुताबिक नवा रायपुर की सोशल मीडिया मॉनिटरिंग लैब में साफ्टवेयर की मदद से फेक प्रोफाइल इंस्पेक्शन, फेक इमेज एनालिसिस, ऑनलाइन होने वाले सोशल इवेंट्स के लोकेशन और फेसबुक कम्युनिटी को ट्रैक करना, टार्गेट यूजर, फैन बेस यूजर, टॉप लिंक्स, टॉप पोस्ट्स, शेयर किए गए मीडिया फाइल्स की टाइमलाइन एनालिसिस करने की योजना है। इसके अलावा प्रदेशभर में थाना, सेक्शन, जिला और रेंज लेवल पर साइबर सूचना तंत्र डेवलप किया जाएगा.

सामान्य टूल से ही हो सकेगी निगरानी
साइबर एक्सपर्ट मोहित साहू ने बताया कि सोशल मीडिया की निगरानी के लिए टूल है, लेकिन पुलिस ज्यादातर सामान्य टूल का उपयोग करती है. सोशल मीडिया में सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला प्लेटफार्म फेसबुक, ट्विटर, इस्टाग्राम है, जिसका सबसे ज्यादा उपयोग होता है.इसकी निगरानी पुलिस हैश और की वर्ड से करती है. क्योंकि किसी भी मैसेज को फैलाने के लिए लोग की-वर्ड बनाते है या फिर हैशटैग करते हैं. पुलिस ने जशपुर और कवर्धा में इसी के जरिए पोस्ट ट्रैक किए थे.

इन टूल किट्स से भी मॉनिटरिंग
साइबर रिसर्चर और कंसल्टेंट गोपिका बघेल ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नजर रखने के लिए 25 से ज्यादा टूल किट्स और सॉफ्टवेयर हैं। इसमें टेलविंड, यूनियन मैट्रिक्स, ऑडियंस कनेक्ट, सोशल मेंशन, टॉकवॉकर, स्प्राडर सोशल, आइकोनोस्क्वेयर, शेयर्ड काउंट, ब्रांडवॉच, की होल, की वर्ड, डिजीमाइंड, गूगल अलर्ट, हूट सुइट, फाल्कन आईओ, मेंशन लिटिक्स, स्प्रिंकलर, नेटबेस, नुविक, ब्रांड-24, जूम स्फीयर, अवरियो आदि शामिल हैं.

रायपुर में साइबर पुलिस भी अलर्ट
राजधानी रायपुर में साइबर सेल के जरिए पुलिस सोशल मीडिया में पोस्ट सामग्री की निगरानी करेगी. हर पुलिस टीम में चार-पांच कर्मचारी होंगे. उन्हें मॉनिटरिंग, टूल्स, सॉफ्टवेयर, की-वर्ड और हैशटैग का उपयोग करने जैसे बिंदुओं पर ट्रेनिंग दी जाएगी है. टीम के सदस्य हर पुलिस वालों का हर सोशल मीडिया प्लेटफार्म में अलग-अलग नाम से अकाउंट बनाया जाएगा. हर जिले में सोशल मीडिया एक्सपर्ट युवाओं की भी सेवाएं भी पुलिस लेगी.

सोशल मीडिया पर एंटी सोशल एलिमेंट्स काे ट्रेस करती रहेगी स्पेशल टीम
स्पेशल टीम सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सक्रिय रहकर एंटी सोशल एलिमेंट्स काे ट्रेस करती रहेगी. हर जिले में सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल बनाया जा रहा है. साथ ही, साफ्टवेयर की मदद से न्यूज सोर्स पता लगाने की कोशिश होगी. इस पूरे सिस्टम में ऐसी कंपनी या फर्म की मदद लेने की तैयारी है जो अपने सॉफ्टवेयर के जरिए एक साथ कई सोशल वेबसाइट्स को सर्च कर स्कैन कर सकें और सिंगल ग्रिड विंडो में सर्च रिजल्ट उपलब्ध करा सकें.

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!