
रायपुर। शिक्षा की गुणवत्ता सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अरबिंदो सोसायटी ने समग्र शिक्षा रायपुर छत्तीसगढ़ और ईसीजीसी लिमिटेड के सहयोग से”शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया। यह समारोह शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय, शंकर नगर, रायपुर में संपन्न हुआ, जिसमें रायपुर जिले के 10 चयनित विद्यालयों के 59 शिक्षकों को सम्मानित किया गया।
सम्मानित शिक्षक वे हैं जिन्होंने अपनी कक्षा में परियोजना आधारित शिक्षा को सफलतापूर्वक लागू किया। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप है, जो मूल्य-आधारित शिक्षा, जीवन कौशल, 21वीं सदी की दक्षताएं और समग्र विकास को प्रोत्साहित करती है। इस कार्यक्रम के सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए, समग्र शिक्षा रायपुर ने इसे राज्य के 10 अन्य जिलों में विस्तार करने की पहल की है। इसके तहत इन जिलों के सहायक कार्यक्रम समन्वयकों को परियोजना आधारित शिक्षा के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु प्रशिक्षित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के. कुमार (अतिरिक्त प्रबंध संचालक, समग्र शिक्षा रायपुर, छत्तीसगढ़)थे। साथ ही विशिष्ट अतिथि के रूप में सीएम. सुदीश (सहायक निदेशक, समग्र शिक्षा रायपुर), आलोक शर्मा (उप प्राचार्य, शासकीय शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय, शंकर नगर), डेकेश्वर वर्मा (प्रकोष्ठ प्रभारी, एनजीओ, एससीईआरटी रायपुर)और कौशिक मित्रा (शाखा प्रबंधक, ईसीजीसी लिमिटेड) उपस्थित रहे।
अतिथियों ने अपने प्रेरणादायक उद्बोधनों में नेतृत्व की महत्वपूर्ण भूमिका और नवाचारपूर्ण शिक्षण वातावरण को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि परियोजना आधारित शिक्षा न केवल ज्ञान प्रदान करती है बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव का माध्यम भी बनती है। रायपुर के व्याख्याता शेषशुभ वैष्णव, मंजूषा तिवारी, धारा बेन, शिक्षक संतोष कुमार वर्मा, योगेश्वरी महाडिक, शिक्षिका श्वेता सिंहऔर अन्य अकादमिक सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. सिम्मी महाजन (सीएचआरओ एवं मुख्य कार्यक्रम अधिकारी, रूपांतरण, अरबिंदो सोसायटी)ने परियोजना आधारित शिक्षा के प्रति संगठन की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि इस नवाचारपूर्ण दृष्टिकोण से शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया जा सकता है। अरबिंदो सोसायटी** अपने सशक्त साझेदारियों और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से सुनिश्चित कर रही है कि छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में भी शिक्षा निरंतर विकसित हो । इस पहल से शिक्षक और छात्र, दोनों सशक्त बनेंगे और शिक्षा प्रणाली में एक नए युग की शुरुआत होगी।



















