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अंबिकापुर।डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर के सेवानिवृत भूगोल के पूर्व प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष तथा डायरेक्टर जनसंख्या अनुसंधान केंद्र के डॉ. संतोष शुक्ला द्वारा राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अंबिकापुर के भूगोल विभाग में स्नातकोत्तर व शोध छात्रों एवं विभाग के प्राध्यापकों के लिए आयोजित भौगोलिक अनुसंधान एवं उसकी सावधानियां विषय पर आयोजित व्याख्यान माला में भौगोलिक अनुसंधान की प्रकृति, उसकी शोध प्रक्रिया,क्रमबद्ध अध्ययन, आनुभाविक अध्ययन ,नियंत्रित अध्ययन ,तर्कपूर्ण अध्ययन, वस्तुनिष्ठता व  व्यावहारिकता जैसे पक्षों पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई।

विषय विशेषज्ञ प्रोफेसर संतोष शुक्ला का सर्वप्रथम विभागाध्यक्ष डॉ. आर. के. जायसवाल ने महाविद्यालय एवं भूगोल विभाग की ओर से स्वागत उद्बोधन दिया तथा भौगोलिक अनुसंधान में उनके योगदानों पर प्रकाश डाला। डॉ शुक्ला का परिचय करते हुए विभाग के प्राध्यापक डॉ अनिल सिन्हा ने कहा की देश के मूर्धन्य भूगोल वेत्ताओं डॉ शुक्ला का नाम  अग्रणी  है। उनकी अकादमी अभिरुचि एवं सक्रियता आज के नवोदित शोधकर्ताओं एवं छात्रों के लिए अनुकरणीय है। शोध प्रविधि एवं अनुसंधान की समस्याओं पर आपकी विशेषज्ञता होने के कारण निश्चय ही छात्र-छात्राओं को इसका लाभ मिलेगा।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए विभाग की प्राध्यापक  दीपिका स्वर्णकार ने कहा कि महाविद्यालय का भूगोल विभाग प्रोफेसर संतोष शुक्ला की उपस्थिति आज गौरवान्वित है। इस अवसर पर शासकीय महाविद्यालय लखनपुर के भूगोल प्राध्यापक प्रो. प्रेमचंद यादव , गेस्ट प्राध्यापक ओमकार कुशवाहा तथा स्नातकोत्तर भूगोल के समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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