विकासखंड के ग्राम जवाहरनगर में राब बालु व छर्री गिट्टी का उपयोग करने बनाया जा रहा गुणवत्ताविहीन नाली



कुसमी: इन दिनों ब्लांक अंतर्गत ग्राम पंचायत जवाहरनगर में अधोसंरचना एवं पर्यावरण विकास निधि मद से करीब 15 लाख रुपए की लागत से 300 मीटर लंबाई की सिंचाई नाली निर्माण की औपचारिकता भर निभाई जा रही है। नाली निर्माण में स्तरहीन गिट्टी, राब बालु व कम मात्रा में सीमेंट का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। जिससे आने वाले पहली बरसात में ही नाली टूटकर पानी में बह जाएगी। किसानों की खेतों तक पर्याप्त पानी व कटाव रोकने के लिए नाली निर्माण का कार्य कराया जा रहा है। मगर इसमें गुणवत्ता की अनदेखी की जा रही है। इसके चलते इसका लाभ किसानों को नहीं मिल पाएगा और अंतिम छोर के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाएगा। ऐसे में लाखों रूपए खर्च करने का कोई फायदा किसानों को नहीं मिलेगा।

विकासखंड के ग्राम पंचायत जवाहरनगर में अधिकारियों और रसूलदार ठेकेदार द्वारा लाखों रुपए की राशि को बंदरबाट करने की नियत से पीपल पेड़ से मेन रोड तक घटिया और गुणवत्ताहीन नाली निर्माण कार्य किया जा रहा है। नाली निर्माण कार्य में दरारें पड़ना शुरू हो गया है। जगह-जगह दीवारों में आए दरारे इस बात की गवाही दे रही है की किस तरह किसानों के हितों के लिए बनाए जा रहे सिंचाई नाली निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार का किया गया है। अधिकारियों के साथ सांठ-गांठ कर निर्माण कार्य में लीपापोती कर स्टीमेट के विपरित, खराब मटेरियल व कम मात्रा में सीमेंट का इस्तेमाल कर गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य कर शासन को लाखों रुपए का चूना लगाया जा रहा है। लेकिन जिम्मेदारो को इस पूरे मामले पर कोई सरोकार नहीं है। इधर ग्रामीण ये भी कह रहे है कि रसूखदार ठेकेदार व जनपद उपाध्यक्ष का ऊपर से लेकर नीचे तक तगड़ी सेटिंग है, शासन-प्रशासन का धौंस दिखाकर मनमाने तरीक़े से बेखौफ घटिया निर्माण कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा है।बारिश में दरारों से पानी रिसाव होने से सिंचाई नाली टूटने की संभावना रहेगी। नाली टूटने से शासन की राशि बर्बाद होगी साथ ही किसानों की फसल भी चौपट हो सकती है।


निर्माण स्थल में साइन बोर्ड भी नही

शासन का नियम है कि किसी भी प्रकार के शासकीय निर्माण कार्य में मानक सूचना बोर्ड लगाना अनिवार्य है। जिससे आम नागरिकों को उक्त निर्माण कार्य की लागत, मापदंड, संबंधित एजेंसी, फर्म व संबंधित अधिकारियों का नाम नंबर और संबंधित इंजिनियर, एसडीओ का नाम, नंबर व पता चले।लेकिन ठेकेदार द्वारा भ्रष्टाचार करते हुए नाली निर्माण कार्य तो तीव्र गति से चलाया जा रहा है लेकिन ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य के दौरान मानक बोर्ड नही लगाया गया है।


इंजीनियर के हिसाब से सब ओके

इधर साइड इंजीनियर अमरिश यादव से पूछे जाने पर उन्होंने बताया की निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ कराया जा रहा है। जबकि निर्माण कार्य का निरीक्षण करने पर पाया गया की तकनीकी दिशानिर्देश के बिना ही राब बालु, छर्री गिट्टी व कम मात्रा में सीमेण्ट का मटेरियल बनाकर निर्माण कार्य किया जा रहा है। वही बेस की मोटाई में स्टीमेंट के अनुसार अपेक्षाकृत कम है। मामले में पंचायत सचिव उदय प्रताप सिंह में बताया कि निर्माण कार्य किस योजना से हो रहा मुझे जानकारी नही है। जिला से प्रथम किश्त आने पर एजेंसी द्वारा बताया गया, चेक के माध्यम से फ़र्म को छह लाख रूपए का भुगतान दिया गया है।

निर्माण कार्य के बारे में नही है जानकारी

रणवीर सायं, सीईओ जपं कुसमी| निर्माण कार्य के बारे में मुझे इसकी जानकारी नही है। अगर एजेंसी द्वारा खराब निर्माण कार्य करवाया गया है तो इसका मूल्यांकन भी उसी प्रकार से किया जाएगा।

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