रायपुर: राजधानी में लगातार उमस के बाद रविवार को राहत की वर्षा हुई। दोपहर 12 बजे के बाद मौसम ने करवट बदला और झमाझम वर्षा हुई। देर रात तक रूक-रूककर वर्षा होती रही। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी वर्षा के आंकड़े दर्ज किए गए हैं। तीन-चार दिनों से शहर में तेज उमस और गर्मी की वजह से मौसम का तापमान बढ़ा हुआ था।
वर्षा के बाद अधिकतम और न्यूनतम तापमान में कमी आई है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक मानसून द्रोणिका मध्य समुद्र तल पर नलिया, अहमदाबाद, ब्रह्मपुरी, जगदलपुर, दक्षिण तटीय ओडिशा और उससे लगे अवसाद के केंद्र और वहां से पूर्व दक्षिण पूर्व की ओर पूर्वी मध्य खाड़ी से गुजरती है।
एक अवदाब उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी, दक्षिण तटीय ओडिशा और उससे लगे उत्तर तटीय आंध्रप्रदेश के ऊपर स्थित है। इसके साथ ऊपरी हवा का चक्रवाती घेरा 5.8 किमी ऊंचाई तक स्थित है। इसके उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढते हुए दक्षिण छत्तीसगढ़ से गुजरने की प्रबल संभावना है। सोमवार को भी प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।
बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बस्तर में नदी-नाले उफान पर हैं। बीजापुर में तीन दिनों से वर्षा हो रही है। इसके चलते यहां केंद्रीय सुरक्षा बल के पोंजेर कैंप और नीलांचल कैंप में कमर तक पानी भर गया है। यहां के जवानों को दूसरे कैंप में भेज दिया गया है। नीलांचल नदी में बाढ़ से 50 से अधिक गांव टापू बन गए हैं।
लगातार वर्षा के चलते बीजापुर जिले की तालपेरू, चिंतावागु, मरी, बोरजे, पोंजेर आदि नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। इससे सैकड़ों एकड़ फसल पानी में डूब गई है। चेरपाल, चिन्नााकवाली, रालापाल, चिन्नााजोजेर आदि आधा दर्जन गांवों के सौ से अधिक मवेशियों की बाढ़ में बहने से मौत हो गई है। आकाश्ाीय बिजली से चार लोग घायल हो गए हैं।
बीजापुर से भोपालपट्नम के बीच मोदकपाल में राष्ट्रीय राजमार्ग-63 पर पानी भरने से मार्ग बाधित हो गया है। इसके कारण अंदरूनी क्षेत्रों का जिला मुख्यालय बीजापुर से संपर्क कट गया है। डेढ़ दर्जन से अधिक मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कोकडापारा नाले के बाढ़ से मकान क्षतिग्रस्त होने से तीन बच्चों व दो महिलाओं को रात में नगर सैनिकों से सुरक्षित बाहर निकाला। सुकमा जिले में मलगेर नदी में बाढ़ से गादीरास मार्ग बंद है। दंतेवाड़ा में कुछ अंदरूनी क्षेत्र बाढ़ के कारण मुख्य मार्ग से कट गए हैं। बस्तर में इंद्रावती नदी में जलस्तर बढ़ रहा है। यहां गोरियाबहार सहित कुछ नाले उफान पर हैं।