सूरजपुर: भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा निर्वाचन 2024 की घोषणा के साथ ही आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो चुकी है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री रोहित व्यास ने लोकसभा निर्वाचन 2024 की प्रक्रिया पूर्ण होने तक कानून व्यवस्था एवं निर्वाचन संबंधी आचार संहिता का पालन समुचित कराने छत्तीसगढ़ कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा 5 एवं ध्वनि प्रदूषण (नियंत्रण एवं नियमन) नियम 2000 के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक शर्तों के अधीन जिले में ध्वनि विस्तारक यंत्रों का चलाए या चलवाए जाने के संबंध में प्रतिबंधित आदेश जारी किया है। कलेक्टर ने कहा कि निर्वाचन के दौरान सभी अभ्यर्थी, राजनीतिक दल, उनके कार्यकर्ता तथा उनसे सहानुभूति रखने वाले व्यक्ति प्रचार-प्रसार के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग करते हैं। इन ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग न केवल स्थायी रूप से होता है, विभिन्न वाहनों यथा-जीप, कार, ट्रक, टेम्पो, तिपहिया स्कूटर, सायकल, रिक्शा आदि पर घूम-घूम कर या स्थिर रखकर भी होता है। ये वाहन सभी गलियों, सड़कों एवं उप गलियों पर चलते हैं तथा गांवों, बस्तियों, मोहल्लों एवं कालोनियों से बहुत ऊँची आवाज में लाऊड स्पीकरों से प्रसारण करते हुए जाते हैं। लाउडस्पीकरों का ऊंची आवाज में प्रयोग करने से विद्यार्थी वर्ग का अध्ययन बाधित होता है। लाउड स्पीकरों पर अबाध रूप से किये जाने वाले शोरगुल से वृद्ध, दुर्बल, बीमार व्यक्ति को चाहे वह किसी चिकित्सालय संस्थान में हो या घर में हो बहुत परेशानी होती है। उन्होंने आदेश में कहा है कि निर्वाचन अवधि में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग को पूर्ण रूप से रोका नहीं जा सकता है, क्योंकि ध्वनि विस्तारक यंत्र, निर्वाचन प्रचार एवं जनसमूह के बीच अपने विचार व्यक्त करने के साधनों में से एक साधन है। लेकिन उसके साथ-साथ विषम समय में विषम स्थान पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों के अविवेकपूर्ण ऊंचे स्वरों पर अवैधानिक प्रयोग जिससे जनमानस की शांति एवं स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता हो कि अनुमति दिया जाना उचित नहीं है। सभी तथ्यों के प्रकाश में, सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद आवश्यक शर्तों के अधीन जिले में ध्वनि विस्तारक यंत्रों का चलाए या चलवाए जाने के संबंध में प्रतिबंधित आदेश जारी किया है।
जारी आदेश में कहा गया है कि जिले के ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्रों में रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग किया जाना अथवा करवाया जाना पूर्ण रूप से निषिद्ध होगा। ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग, चुनाव प्रचार करने के लिए वाहनों पर एवं चुनावी सभाओं में, नगरीय तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही सक्षम अधिकारी की अनुमति पश्चात् किया जा सकेगा, किन्तु ऐसे ध्वनि विस्तारक यंत्र साधारण किस्म के होंगे एवं छत्तीसगढ़ कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 एवं ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 के अनुसार अनुज्ञेय सीमा में ही प्रयोग किये जायेंगे। लोक परिशांति को देखते हुए लम्बे चोंगे वाले लाउड स्पीकरों का प्रयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जाता है। वाहनों एवं चुनावी सभाओं में एक से अधिक लाउड स्पीकर समूहों में लगाया जाना भी प्रतिबंधित किया जाता है।