नई दिल्ली, पीटीआइ। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला संसद का मानसून सत्र शुरू होने से दो दिन पहले यानी शनिवार को सर्वदलीय बैठक करेंगे। यह बैठक शाम को संसद में होने वाली है। इसमें कई राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं के भाग लेने की उम्मीद है।

बैठक में सत्र के दौरान उठाए जाने वाले मुद्दों और विभिन्न विधेयकों पर चर्चा के लिए समय के आवंटन पर चर्चा की जाएगी। असंसदीय शब्दों की हाल ही में जारी सूची जैसे मुद्दे भी बैठक में चर्चा के लिए आ सकते हैं। बता दें, लोकसभा अध्यक्ष प्रत्येक संसद सत्र की शुरुआत से पहले सर्वदलीय बैठक को आयोजित करते हैं। संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होगा।

इससे पहले, लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी संसद में उपयोग के लिए अनुपयुक्त समझे जाने वाले शब्दों के 50-पृष्ठ के संकलन की विपक्ष की आलोचना के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को कहा कि ‘किसी भी शब्द पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।’ उन्होंने कहा, ‘पहले इस तरह के असंसदीय शब्दों की एक किताब का विमोचन किया जाता था। कागजों की बर्बादी से बचने के लिए हमने इसे इंटरनेट पर डाल दिया है। किसी भी शब्द पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, हमने हटा दिए गए शब्दों का संकलन जारी किया है।

वहीं, संसद परिसर का उपयोग धरना उपवास आदि के लिए नहीं करने को लेकर ओम बिरला ने कहा, ‘लोकसभा में कोई सर्कुलर जारी नहीं हुआ है, लेकिन यह एक प्रक्रिया है, जो 2009 से और उससे पहले से भी जारी है। मैं राजनीतिक दलों से बिना तथ्यों के इस तरह के आरोप न लगाने का आग्रह करता हूं।’


इससे पहले, शुक्रवार को राज्यसभा सचिवालय की ओर से जारी बयान में सांसदों को किसी भी धर्म के बारे में कोई टिप्पणी करने से बचने के लिए कहा गया है। उनसे कहा गया है कि वे ऐसा कोई भी कार्य न करें जिससे संसद की छवि खराब हो और उसकी विश्वसनीयता प्रभावित हो।

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