अम्बिकापुर: लुण्ड्रा विकासखंड के कुंडीकला ग्राम के किसान घनश्याम राष्ट्रीय बागवानी मिशन के घटक संरक्षित खेती के अंतर्गत उद्यानिकी विभाग से 50 प्रतिशत अनुदान पर 3000 वर्ग मीटर यानी लगभग 0.75 एकड़ क्षेत्र में शेडनेट हाउस की स्थापना कर विभिन्न शाक-सब्जी के सीडलिंग उत्पादन कर रहे हैं। उद्यानिकी क्षेत्र में नवीन तकनीकों के प्रयोग ने कृषकों को कृषि तथा बागवानी के लिए प्रोत्साहित किया है। जहां पहले किसान अधिक ख़र्च और कम फायदा सोचकर इस ओर आगे बढ़ने से ही डरते थे, वहीं आज इस क्षेत्र में उन्नत तकनीकों ने किसानो का हौसला बढ़ाया है। शासकीय योजनाओं से मिलने वाला लाभ किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा दिला रहा है।
राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत कृषक घनश्याम को योजना वर्ष 2023-24 में शेडनेट हाउस लगाने पर 50 प्रतिशत अनुदान राशि मिली, जिसे इन्वेस्ट करते हुए उन्होंने टमाटर, मिर्च, गोभी, बैंगन आदि के अब तक 5 लाख सीडलिंग तैयार किये हैं। इससे लगभग राशि 2 लाख रुपये तक की आय मिली।
कृषक से पूछे जाने पर कि शेडनेट हाउस में सब्जी, मसाला, पुष्प उत्पादन को छोड़कर सीडलिंग उत्पादन का ख्याल कहां से आया? तो उनका जवाब भी काफी रोचक था। उन्होंने बताया कि विकासखंड लुण्ड्रा में सब्जी की खेती बड़े पैमाने पर होती है। मैं स्वयं एक सब्जी उत्पादक कृषक हूं और अपने लिए सीडलिंग तैयार कराने अंबिकापुर नर्सरी जाता था। आने जाने में काफी खर्च हो जाता था। इसलिए मैंने इसी क्षेत्र में अवसर खोजा। विभाग की योजना की जानकारी मिली तो अधिकारियों से संपर्क किया और अंलब योजना के माध्यम से अनुदान मिला जिससे शेडनेट की स्थापना हो सकी। अब आसपास के कृषक, जो पहले अंबिकापुर जाते थे, अब मुझसे सीडलिंग ले रहे हैं। इससे उनका परिवहन पर होने वाला व्यय की बचत हो रही है। आने वाले जनवरी-फ़रवरी तक 12 से 15.00 लाख सिडलिंग तैयार करने का लक्ष्य लेकर चल रहा हूं। इससे मुझे 4 से 5 लाख रुपए की शुद्ध मुनाफा होने की संभावना है।