बलरामपुर। बलरामपुर जिले में लोकसभा चुनाव को देखते हुए धारा144 लागू है उसके बाद भी आरटीओ, माइनिंग व यातायात विभाग की मिली भगत से खुलेआम अवैध रूप से यहां का रेत यूपी, झारखंड व अंबिकापुर पहुच रहा है। रेत माफ़िया प्रशासन को चुनौती देते हुए खुलेआम रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन कर रहे है. लेकिन अफ़सर चुप हैं।
बलरामपुर जिले के राजपुर में रेत का अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण पर जिला प्रशासन लाचार नजर आ रहा है। राजपुर के परसवार महान नदी, गोपालपुर महान नदी, कर्रा महान नदी, बासेन महान नदी, धंधापुर महान नदी, नरसिंहपुर महान नदी से खुलेआम अवैध रूप से रेत का उत्खनन एवं परिवहन किया जा रहा है। मुख्य मार्ग से दिन दहाड़ें प्रतिदिन 40 से 50 ट्रैक्टर, ट्रक व टिपर वाहन से रेत निर्माण कार्यों के साथ जिले से बाहर पहुचाया जा रहा है। रेत माफियाओं के द्वारा वन एवं राजस्व विभाग को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इसके बाद भी विभाग के द्वारा कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।
राजपुर मुख्यालय से करीब 15 किमी. दूर परसवार महान नदी, ग्राम पंचायत सिंगचोरा व गोपालपुर के महान नदी में अवैध रूप से रेत उत्खनन, परिवहन और भंडारण कार्य जोरों पर चल रहा हैं। दिनदहाड़े जेसीबी एवं फावड़े से रेत खोदकर प्रतिदिन ट्रक, ट्रैक्टर, हाइवा व टिपर वाहन के माध्यम से परिवहन किया जा रहा हैं. रेत उत्खनन करने वालों के पास न तो पीटपास है औऱ न ही ग्राम पंचायत से एनओसी प्राप्त है। इसके बाद भी रेत माफियाओ के द्वारा प्रशासन को चुनौती देते हुए बेखौफ रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन कार्य किया जा रहा हैं।
इन नदियों से हो रहा रेत का अवैध उत्खनन
परसवार महान नदी, छिंदियाडांड़ महान नदी, कुरमाडांड़ महान नदी, गोपालपुर महान नदी, कर्रा महान नदी, बासेन महान नदी, धंधापुर महान नदी, नरसिंहपुर महान नदी से रेत का सबसे ज्यादा उत्खनन और परिवहन किया जा रहा है।
परसवार महान नदी बना तालाब
परसवार महान नदी से रेत माफियाओं के द्वारा एक्सीवेटर मशीन और मजदूरों को लगाकर बड़े पैमाने पर रेत का अवैध उत्खनन कर यूपी, झारखंड व अंबिकापुर क्षेत्र में परिवहन किया जा रहा है। परसवार महान नदी से रेत परिहवन करते समय कई चेक पोस्ट, नाका पड़ता है मगर रेत माफियाओं की वाहन कहीं चेकिंग नहीं होता, सब सेटिंग से चल रहा है।