भजन-कीर्तन से वातावरण हुआ भक्तिमय
बलरामपुर।बलरामपुर जिले के राजपुर सहित आसपास के शिव मंदिरों में महाशिवरात्रि पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।ओकरा कोठी पत्थल में भोलेनाथ को जल चढ़ाने आधा किमी तक श्रद्धालुओं की लाइन लगी रही। महाशिवरात्रि पर करीब 20 हजार लोगों ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया।
राजपुर से तीन किलोमीटर दूर ग्राम ओकरा कोठी पत्थल एक पीपल के विशाल पेड़ के नीचे शिव मंदिर है। यहां जमीन से एक-एक कर दर्जनों शिवलिंग निकले हैं। महाशिवरात्रि पर अखंड रामायण पाठ, भजन-कीतर्न के साथ पंडित पंकज मिश्रा द्वारा मंत्रोचार के साथ पूजापाठ संपन्न कराया गया। महाशिवरात्रि महोत्सव पर 7 मार्च को कलश यात्रा, अखंड कीर्तन, 8 मार्च को रूद्राभिषेक, सम्पूर्ण रामचरितमानस पाठ, अखंड भंडारा, हवन पूर्णाहुति के बाद समापन हुआ। समिति के संरक्षक महेंद्र अग्रवाल, अध्यक्ष देवशरण राम के साथ प्रदीप जायसवाल, धरम सिंह, प्रमोद ठाकुर, राजकुमार सोनी,ओमप्रकाश, विजय गुप्ता, मनोज बंसल आदि सक्रिय थे।
मंदिरों में लगा श्रद्धालुओं का तांता
राजपुर मां महामाया मंदिर प्रांगण में शिव मंदिर, सेवारी शिव मंदिर में राजेश्वर गुप्ता ने पूजा-अर्चना संपन्न कराई। सरनापारा पावर हाउस शिव मंदिर, गेउर नदी शिव मंदिर, हरीतिमा शिव मंदिर, परसा शिव मंदिर, शिवपुर शिव मंदिर, परसापानी शिव मंदिर आदि में भक्तों का तांता लगा रहा।
शिवपुर में भक्तों का लगा मेला
शिवपुर में भी भोलेनाथ की पूजा करने इतनी भीड़ उमड़ी कि भक्तों की लंबी पंक्ति लग गई। हजारों भक्तों ने भू-गर्भ ‘से निकले शिवलिंग की पूजा की और मन्नतें मांगी। इस मौके पर यहां भव्य मेले का भी आयोजन किया गया है। शिवपुर में आदिकाल से दो शिवलिंग भू-गर्भ से निकले हैं। दोनों के बीच की दूरी 10 मीटर के करीब है। दोनों शिवलिंग के बीच में एक साल का पेड़ है, जिसकी वजह से दोनों शिवलिंग को एक साथ नहीं देखा जा सकता है। कहा जाता है कि एक चरवाहा जंगल में जब मवेशी चरा रहा था, तो उसने शिवलिंग को देखा और इसकी जानकारी गांव के लोगों को हुई।