‌सीतापुर/रूपेश गुप्ता: छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ‘नशा उन्मूलन’हेतु चलाये जा रहे ‘नवा बिहान’ अंतर्गत नशीले पदार्थों की तस्करी में संलिप्त लोगों की धरपकड़ कर ,क्षेत्र में होने वाले अवैध मादक पदार्थ की बिक्री पर नकेल कसने सरगुजा पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है।वही दूसरी तरफ पुलिस के नाक के निचे कई छोटे बड़े मयखाना संचालित हो रहे है, जिसमें अवैध महुआ शराब धड़ल्ले से बेची व परोसी जाती है।

गौरतलब है कि सरगुजा पुलिस कप्तान के शक्त निर्देश के बावजूद भी, यदि क्षेत्र में कच्चे महुआ शराब औऱ अंग्रेजी शराब की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है तो ,ये निश्चित ही पुलिसिया कार्यवाही पर प्रश्न चिन्ह है।

मुखबिर के आधार पर धरपकड़ की कार्यवाही कर भले ही पुलिस अपनी पीठ थपथपा ले किन्तु मुहल्ले के बीच इस तरह संचालित होने वाले मयखाने समाज के लिए कितना हितकर होगा ये तो वही बता सकता है जिनका संरक्षण इन्हें प्राप्त है।

बहरहाल इस तरह खुलेआम हो रहे अवैध महुआ शराब बिक्री से , नशा के जद में आकर युवा वर्ग अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं। वही कम उम्र के लड़के भी इनके अड्डे पर नशे में झूमते हैं ,जिसे सदृश्य मयखाने में देखा जा सकता है। जो निश्चित ही समाज एवं परिवार के लिये घातक है।

‌कार्यवाही के अभाव में इनके हौसले इतने बुलंद हैं कि,यहा सजने वाले चखने की दुकानो में खुलेआम महुआ दारू परोसी जाती है,जहां बैठकर मदिरा प्रेमी घण्टों शराब की चुश्किया लेते नजर आते हैं। वही नशे में धुत्त शराबीयो से आये दिन रास्ते से गुजरते लोगों से तु तू मै मैं होना आम हो गया है।


वही शाम होते ही यहा असमाजिक तत्वों का डेरा लग जात है।जिससे क्षेत्र में चोरी व लूटपाट का भय लोगों व्याप्त है।यहा से गुजरने वाली महिलाएं भी,अपने आप को काफी असहज एवं असुरक्षित महसूस करती हैं ।लोगों ने इसकी मौखिक शिकायत कई बार पुलिस को किया है किंतु अब तक इसपर कोई ठोस कार्यवाही न तो पुलिस की न ही आबकारी विभाग।

‌विदित हो कि नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 02,आदर्शनगर क्रमांक 14 पुराने बसस्टैंड के पीछे औऱ रायगढ़ रोड ,इन दिनों नशे का अड्डा बन गया है ।खुलेआम हो रहे अवैध महुआ शराब की बिक्री से यहा के निवासरत लोगों का जीना मुहाल हो गया है। विगत कई महीनों से इस जगह अवैध नशे के कारोबार धड़ल्ले से हो रहे है। यहा के कई घरो में महुआ शराब बनाया जाता है।जहाँ शाम ढलते ही शराब की महफ़िल सजती है।

‌अब ये मुहल्ला महुआ शराब सहित अन्य नशे के कारोबार में भी तेजी से अपना पैर पसार रहा है। पूरी तरह शराबखाने व जुआ अड्डा में तब्दील हो चुका ये मुहल्ला अब अपनी पहचान खोते हुए नशा के लिये प्रसिद्ध हो ने लगा है। यहा बंद कमरे से लेकर बस्ती के बीच खुले मैदान में बेखौफ जुआ चलता है।वही कई घरों में बेखौफ भट्ठी लगा कर महुआ शराब बनाये जाते है,और घर के भीतर बैठाकर लोगों को शराब परोसी जाती है।इस प्रकार घर के अंदर ही मयखाना संचालित किया जाता है। इतना ही नहीं ,इनके चखने का दुकान भी वहीं ठेले पर सजते है,और वहीं लोगों को बैठाकर खुलेआम शराब परोसी जाती है।
‌ग्रामीण क्षेत्र से अवैध महुआ शराब की धरपकड़ कर भले ही नगर की पुलिस अपनी पीठ थपथपा ले किन्तु इस तरह नगर के भीतर एवं पुलिस के नाक के निचे हो रहे अवैध शराब के धंधे ,एवं जुआ अड्डे ने एक बार फिर पुलिस औऱ आबकारी विभाग को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है।प्रशासन आखिर इन अवैध शराब के कारोबारियों पर इतनी मेहरबान क्यो ?ये तो पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारी ही बता सकते हैं।

क्षेत्र में चल रहे अवैध शराब के कारोबार की जानकारी के सम्बंध में आबकारी विभाग के अधिकारी से दुरभाष से सम्पर्क साधा किंतु संपर्क नही हो सका।

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