महासमुंद. छत्तीसगढ़ में महिलाओं व बच्चों में कुपोषण और एनीमिया की स्थिति को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने खास तरह के चावल का वितरण शुरू किया है. पीडीएस सिस्टम के तहत बीपीएल राशन कार्डधारी परिवारों को अप्रैल से छत्तीसगढ़ सहित महासमुंद जिले में संचालित उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जाएगा.
जिला खाद्य अधिकारी अजय यादव ने बताया कि महासमुंद में बीपीएल के 2,73,092 राशनकार्ड हैं. इनमें कुल 9 लाख 77 हज़ार 553 सदस्य हैं. जिले की 591 शासकीय उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से इन बीपीएल राशन कार्डधारियों में फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जाएगा.
महासमुंद कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर ने जिले के बीपीएल उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे जिले की उचित मूल्य की दुकानों से वितरित फोर्टिफाइड चावल को उपयोग करें तथा किसी भी प्रकार की भ्रामक जानकारी से दूर रहें. बताया कि इस चावल में काफी पोषक तत्व होते हैं, जो एनीमिया और कुपोषण को दूर करने में कारगर हैं. फोर्टिफाइड चावल वितरण किए जाने का उद्देश्य हितग्राहियों को अतिरिक्त पोषण युक्त चावल उपलब्ध कराना है.
चावल में होते हैं ये तत्व
फोर्टिफाइड चावल में आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12 तथा अन्य मिनरल्स शामिल हैं. इस चावल के सेवन से लोगों में कुपोषण दूर होगा. साथ ही स्वास्थ्य गत लाभ मिलेगा. फोर्टिफाइड चावल का मतलब चावल में सौ अनुपात एक के तय अनुपात में एफआरके मिलाया जाता है, यानी सामान्य चावल के सौ दाने में फोर्टिफाइड चावल का एक दाना मिलाया जाता है.
ऐसे तैयार किया जाता है फोर्टिफाइड चावल
फोर्टिफाइड चावल को मिलों में बनाया जाता है. इस दौरान इनमें सूक्ष्म पोषक तत्वों, विटामिन और खनिजों की मात्रा को कृत्रिम तरीके से बढ़ाया जाता है. इसके लिए कोटिंग, डस्टिंग और एक्सट्रूजन जैसी तकनीक अमल में लाई जाती हैं. पहले सूखे चावल को पीसकर आटा बनाया जाता है. फिर उसमें सूक्ष्म पोषक तत्व मिलाए जाते हैं. पानी के साथ इन्हें अच्छे से मिक्स किया जाता है. फिर मशीन की मदद से सुखाकर इस मिक्सचर को चावल का आकार दिया जाता है, जिसे फोर्टिफाइड राइस कर्नेल कहा जाता है. तैयार होने के बाद उन्हें आम चावलों में मिला दिया जाता है. FSSAI के नियम कहते हैं कि इसे 1:100 के अनुपात में मिलाया जाता है, मतलब 1 किलो चावल में 10 ग्राम फोर्टिफाइड राइस मिलाए जाते हैं.