नारायणपुर: सांसद दीपक बैज एवं छत्तीसगढ़ हस्त शिल्प एवं स्थानीय विधायक चंदन कश्यप ने आज यहां कलेक्टर कक्ष में कुमारी मानबती सलाम को जाति प्रमाण पत्र एवं निवास प्रमाण पत्र प्रदान किया। इस दौरान उन्होने कहा कि अबुझमाड़ क्षेत्र की कुमारी मानबती सलाम को आगे पढ़ाई के लिए जाति एवं निवास प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है। 10वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात उनके सामने यह समस्या थी कि जाति एवं निवास प्रमाण पत्र के अभाव में वे आगे अपनी पढ़ाई किस तरह जारी रखे और उन्हे किस तरह शासन की हितकारी योजनाओ का लाभ मिल सके। उनकी दिक्कत और कठिनाईयों को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ी संवेदनशीलता के साथ सुलझाने के निर्देश जिला प्रशासन को दिये।
जिला प्रशासन ने तत्काल कार्यवाही करते हुए जाति एवं निवास प्रमाण पत्र तैयार कर उन्हे प्रदान कराया है। उन्होने यह भी बताया कि कुमारी मानबती सलाम आगे जहां भी पढ़ना चाहती हैं वहां उनके पढ़ने एवं रहने की व्यवस्था तत्काल की जाएगी। आज जिला प्रशासन ने अल्प समय मे कुमारी मानबती सलाम को राशन कार्ड भी तत्काल तैयार कर प्रदान किया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्यामबत्ती नेताम, उपाध्यक्ष देवनाथ उसेण्डी, जनपद पंचायत अध्यक्ष पंडीराम वड्डे, उपाध्यक्ष मालती नुरेटी, नगरपालिका अध्यक्ष सुनिता मांझी, जिला पंचायत के सदस्यगण, कलेक्टर अजीत वसन्त, पुलिस अधीक्षक पुश्कर शर्मा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी देवेश कुमार ध्रुव उपस्थित थे।
बताते चलें कि कुमारी मानबती सलाम ओरछा अनुविभाग (राजस्व) के ग्राम निरीमेटा की निवासी है। पूर्व में वह आंठवीं कक्षा तक रामकृश्ण मिशन आश्रम विवेकानंद विद्यापीठ में पढ़ाई की। उसके बाद वह शासकीय उच्च्तर माध्यमिक विद्यालय भाटपाल मे हाईस्कूल की पढ़ाई कर इस वर्श 10वीं कक्षा 54.5 प्रतिशत अंको के साथ उत्तीर्ण की। लेकिन जाति एवं निवास प्रमाण पत्र नही होने के कारण वह आगे की पढ़ाई जारी रखने में असमर्थ थी। मीडिया ने इस तरह की खबर आने पर शासन प्रशासन द्वारा त्वरित कार्यवाही कर उसे जाति एवं निवास प्रमाण पत्र प्रदान कर दिया गया। मानबती ने बताया कि वह आगे अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए डॉक्टर बनना चाहती है। वह तीन भाई बहन है। उसका छोटा भाई इस वर्श 9वीं कक्षा उत्तीर्ण कर 10वीं कक्षा में एडमिशन लिया है। वह रामकृश्ण मिशन आश्रम विवेकानंद विद्यापीठ का छात्र है। मानबती के माता पिता नक्सल गतिविधियों में सम्मिलित हैं। मानबती अपने माता पिता से नक्सल गतिविधियां छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की मार्मिक अपील की है।