सूरजपुर: प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत कार्यक्रम को प्रभावशाली बनाने और टीबी मुक्त पंचायत के मापदंडों की दृष्टि से कलेक्टर एस जयवर्धन के मार्गदर्शन में जिला क्षय उन्मूलन केन्द्र सूरजपुर के द्वारा अनेकों गतिविधियों का क्रियान्वयन और आयोजन किया जा रहा है। नि-क्षय निरामय कार्यक्रम में सौ दिवसीय कम्पेन के तहत सूरजपुर जिला मुख्यालय के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठान एसआरपीआर सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल में कार्यशाला का आयोजन कर पॉजिटिव मरीजों को फूड बास्केट वितरण किया गया। जिसमें एसआरपीआर सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल, पांडेय पैथोलैब एवं साधुराम विद्या मंदिर का सराहनीय और उल्लेखनीय सहयोग रहा। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ कपीलदेव पैकरा ने कहा कि टीबी मुक्त भारत के निर्माण में सबकी सहभागिता और सबका सहयोग आवश्यक है चिकित्सक और चिकित्सालय तो अपना कार्य करेगा ही पर समाजसेवी संस्थानों या समाजसेवी व्यक्तियों  को इस दिशा में आगे आना होगा। इसके साथ ही साथ जो टीबी के मरीज हैं वह भी जागरूकता और संवेदनशील बने, जो टीबी मरीज उपचार पूर्ण कर टीबी मुक्त हो रहे हैं वो समाज को बतायें की हमने टीबी की दवा अपने निकटवर्ती शासकीय अस्पताल से निशुल्क प्राप्त कर, नियमित सेवन किया और आज मैं पुरी तरह से स्वस्थ हुं। ऐसे करने से समाज में सकारात्मक संदेश जायेगा। क्योर टीबी पेसेंट बदलाव अभिकर्ता बनकर टीबी मुक्त भारत के लिए सहयोग प्रदान करें। जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ जे एस आर सरूता ने कहा कि टीबी मुक्त पंचायत के निर्माण से व्यक्ति और समाज दोनों का भला होगा। आपके पड़ोस में टीबी के सम्भावित लक्षण वाले व्यक्ति हैं तो संक्रमण का भय सबको है इसलिए पड़ोसी धर्म को निभाते हुए उक्त व्यक्ति को बलगम जांच का सुझाव दे। जब यह कार्य समाज के हर व्यक्ति करने लगेगा तो समाज टीबी मुक्त की ओर अग्रसर होगा। एसआरपीआर सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के ट्रस्टी और समाजसेवी राहुल अग्रवाल ने कहा कि टीबी मुक्त भारत के निर्माण में नि-क्षय मित्र बनकर हम सभी सहयोग बने यह एक बहुत बड़ा पूर्ण का कार्य है। आप ऐसे व्यक्ति को सहयोग कर रहे है जो स्वास्थ्य समाज के लिए अतिआवश्यक है। पांडेय पैथोलैब के संचालक ओमकार पान्डेय ने कहा कि टीबी की बिमारी अब लाइलाज नहीं है और इसके इलाज और उपचार के लिए कहीं अन्यत्र जाने की भी आवश्यकता नहीं है नई तकनीक वाले सभी जांच सुविधाएं जिला और ब्लॉक में उपलब्ध है। इस अवसर पर जिला चिकित्सालय के आवासीय चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश पैंकरा ने कहा कि टीबी के सामान्य लक्षण व्यक्ति को जैसे ही दिखें वह स्वयं अस्पताल जाकर बलगम का जांच करवा सकता है। चिकित्सा विभाग आपके सेवा के लिए सदैव तत्पर है।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए डीपीसी संजीत कुमार ने जिले के अनेकों क्योर टीबी पेसेंटों की सफलता की कहानी बताया। उन्होंने नि-क्षय निरामय कार्यक्रम का लक्ष्य और उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जो भी व्यक्ति टीबी का दवा खाकर ठीक हो गया है वह समाज के लिए प्रेरणास्रोत बनकर लोगों को टीबी मुक्त की बातें बतायें। कार्यक्रम के दौरान एसआरपीआर सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल के द्वारा 10 मरीज, साधुराम विद्या मंदिर के द्वारा 10 मरीज और पांडेय पैथोलैब के द्वारा 11 टीबी मरीजों को निक्षय मित्र बनकर पोषण आहार का किट प्रदान किया गया। इस अवसर पर जिला अस्पताल से डॉक्टर जसवंत दास, एसटीएस कविता गुप्ता, प्रभु नारायण साहू के साथ एस. आर.पी.आर. सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल के समस्त अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

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