सूरजपुर: जिले में बिना मुहूर्त के भी ग्रामीण अभी भी बाल विवाह कर रहे हैं। ग्रामीण द्वारा जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल को सूचना दिया की नाबालिग बालिका का बाल विवाह किया जा रहा है। जिसकी जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश साहू को दी गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने जिला बाल संरक्षण अधिकारी को टीम गठन कर तत्काल विवाह के सत्यापन और बाल विवाह की स्थिति में रोकने के कार्यवाही के निर्देश दिये।
परियोजना अधिकारी को उम्र सत्यापन के लिए कहा गया। लड़की के घरवाले बालिका के 10 वीं के मार्कशीट की फोटो कांपी प्रस्तुत किये जिसमें बालिका की उम्र जन्म तिथि के अनुसार 18 वर्ष पूर्ण बता रहा था। बालिका के परिजनों का कहना था कि बालिका चेन्द्रा में पढ़ी है। इसलिए उसका मूल प्रमाण पत्र नहीं है। बालिका के प्राथमिक शाला का दाखिल-खारिज पंजी देखने पर उसका उम्र 17 वर्ष बता रहा था, जब बालिका के रोल नम्बर के आधार पर अंकसूची निकालने पर पता चला की फोटो कॉपी में जन्मतिथि में एडिट कर दिया गया है। परिजनों को बाल विवाह रोकने की समझाइश दी गई।
बालिका के पिता की दुर्घटना में मृत्यु हो चुकी थी और इसकी मां भी अन्यत्र कहीं चले जान से उसके भैया-भाभी द्वारा बालिका का विवाह एक किसान से किया जा रहा था। जबकि बालिका पढ़ने लिखने में अच्छी है। बालिका आगे की पढ़ाई करना चाहती है। सभी से बात-चीत करने पर पता चला की टीम के वापस जाने पर बालिका का विवाह संपन्न कर दिया जायेगा, जिला बाल संरक्षण अधिकारी द्वारा जिला कार्यक्रम से मार्गदर्शन लेने पर बालिका को रेस्क्यू करने और सखी वन स्टाप सेंटर सूरजपुर में संरक्षित करने और बालिका को बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत करने के निर्देश पर बालिका के चाचा का कथन एवं ग्रामीणों का पंचनामा तैयार कर बालिका को सखी वन स्टाप सेंटर हेतु लाया गया।
बाल विवाह रोकने में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल परियोजना अधिकारी वर्षा अग्रवाल, जिला बाल संरक्षण इकाई से अंजनी साहू, पर्यवेक्षक दीपा बैरागी, आउटरीच वर्कर पवन धीवर, चाईल्ड लाईन से कुमारी शीतल सिंह, रमेश साहू, पुलिस चौकी बसदेई से प्रधान आरक्षक महिला आरक्षक उपस्थित थे।