सूरजपुर: छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले जिले के मनरेगा कर्मचारी और अधिकारी 4 अप्रैल 2022 से नियमितीकरण और वेतनमान सहित दो सूत्रीय मांग को लेकर अधिकारी कर्मचारी हड़ताल पर हैं। हड़ताल का आज 55 दिनों से अधिक हो गया है। फिर भी सरकार द्वारा इनकी मांगों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही है।

इसी क्रम में आज छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर 28 जिलों में वादा निभाओ रैली का आयोजन किया गया, आपको बता दे की मनरेगा कर्मचारी संघ के द्वारा जिला सूरजपुर से 2 सूत्री मांगों को लेकर रैली का आयोजन कर मुख्यमंत्री के नाम पर ज्ञापन सौंपा गया और अपने मांगों से अवगत कराया गया। मनरेगा कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष के द्वारा बताया गया की हमारी 2 सूत्री मांगे जब तक पूर्ण नहीं होगी तब तक हमारा हड़ताल जारी रहेगा।

मनरेगा कर्मचारी के हड़ताल से जाने से जिले में 150 करोड़ से अधिक का कार्य प्रभावित हो रहा है। मनरेगा के चलते प्रतिदिन जिले में हजारों लोगों को रोजगार मिलता था, लेकिन हड़ताल के चलते मनरेगा का कार्य पूरी तरह से बंद है। सूरजपुर ज़िले अंतर्गत 142461 परिवार पंजीकृत है परंतु 3682 परिवार को ही रोजगार अप्रैल एवम मई माह में दिया जा सका है इससे मनरेगा मजदूरों में रोजगार के लिए पलायन की समस्या पैदा हो गई है रोजगार सहायको के 5000 अल्प वेतन में कैसे चलेगा इनका परिवार।

मुख्यमंत्री के द्वारा 29 अप्रैल 2022 को मनरेगा संघ के सदस्यों से मुलाकात के बाद समिति गठन करने का आश्वासन देकर 6 मई 2022 को समिति का गठन किया गया समिति का गठन हुए 22 दिनों से अधिक होने के बावजूद भी अभी तक समिति के सदस्यों का एक भी बैठक नही हुआ है मनरेगा कर्मचारियों का मांग पूरा नहीं होने तक हड़ताल में रहने का संघ के द्वारा निर्णय लिया गया है। जिससे लाखो मजदूरों को इनकी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

मनरेगा कर्मचारी भी अल्प वेतन से परेशान होकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने हेतु विवश हैं। इस बार ग्राम स्तर पर कार्यरत रोजगार सहायक से लेकर तकनीकी सहायक, सहायक ग्रेड, लेखापाल, सहायक प्रोग्रामर, कार्यक्रम अधिकारी, सहायक परियोजना अधिकारी, भृत्य सहित राज्य स्तर के मनरेगा कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। मनरेगा के तहत जिले में 527 अधिकारी कर्मचारी हैं और सभी हड़ताल पर हैं। हड़ताल के 55 दिनों से अधिक होने पर भी मनरेगा कर्मचारी हड़ताल पर डटे हुए है। कर्मचारियों ने कहा कि सरकार चुनाव के समय किये गए अपने वायदे को पूर्ण करे।

यह है मांग इनकी छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ की मांग है कि चुनावी जन घोषणा पत्र को आत्मसात करते हुए समस्त मनरेगा कर्मियों का नियमितीकरण किया जाए, नियमितीकरण की प्रक्रिया पूर्ण होने तक ग्राम रोजगार सहायकों का वेतनमान निर्धारण कर समस्त मनरेगा कर्मियों पर सिविल सेवा नियम 1966 के साथ पंचायत कर्मी नियमावली लागू किया जाए।

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