रायपुर। प्रदेश में मौसम साफ होते ही गर्मी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। रविवार को रायपुर और बिलासपुर समेत कई जिलों में पारा 40 डिग्री के पार पहुंच गया। बिलासपुर प्रदेश का सबसे गर्म शहर रहा, जहां तापमान 41 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं राजधानी रायपुर में अधिकतम तापमान 40.8 डिग्री दर्ज किया गया।

ड्राई हवाओं के कारण सुबह से ही तेज धूप पड़ने लगी है। दोपहर 12 बजे के बाद धूप चुभन देने लगी, जिससे लोग चेहरे को कपड़े से ढंककर बाहर निकलते नजर आए। इस बीच मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटे में मौसम में बदलाव की संभावना जताई है। विभाग के अनुसार, 8 अप्रैल से प्रदेश में एक बार फिर बादल छाने और बारिश की स्थिति बन सकती है।

अंबिकापुर में दिन का पारा 37.5 डिग्री

मौसम विभाग के मुताबिक सरगुजा संभाग के जिलों में अधिकतम तापमान में भी बढ़ोतरी हो रही है। रविवार को अंबिकापुर में पारा 37.5 डिग्री रहा। वहीं रात का तापमान 19 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।


मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बदलाव साइक्लोनिक सर्कुलेशन और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के चलते हो रहा है। इसका अधिक प्रभाव बस्तर संभाग में देखने को मिल सकता है।

संपूर्ण विश्व में जलवायु परिवर्तन के कारण वैश्विक तापमान में औसत रूप में वृद्धि हुई है, जिसके कारण प्रदेश के साथ हमारे जिले में भी भीषण गर्मी पड़ने एवं लू चलने की संभावना है। गर्मी के कारण सामान्य जनमानस प्रभावित होता है, जिससे लू लगना एवं अन्य जलजनित बीमारियाँ होने की होने की संभावना बढ़ जाती है। गर्मी के कारण लू से बचाव तथा जलजनित संक्रामक बीमारियों से बचाव रोकथाम एवं उपचार हेतु पूर्व से तैयारी किया जाना अतिआवश्यक है। इस परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए सावधानी रखने दिशा निर्देश जारी किए हैं।
लू के लक्षण 

सिर में भारीपन एवं दर्द होना, तेज बुखार के साथ मुंह सुखाना, चक्कर व उल्टियां होना, कमजोरी के साथ शरीर में अत्यधिक दर्द होना, पसीना नहीं आना, अधिक प्यास लगना लेकिन पेशाब का कम होना, भूख कम लगना, घबराहट लगाना, बेचौनी होना, बेहोश हो जाना आदि लू के लक्षण है।   
लू से बचाव के उपाय

लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी और लवण मुख्यत नमक की कमी हो जाना होता है। इससे बचाव के लिए बहुत जरूरी न हो तो घर से बाहर न जाए, घर से बाहर जाना ही हो तो, खाली पेट न जाए, धूप में निकलने से पहले सर व कान को मुलायम कपड़ों में अच्छी तरह से बांध ले तथा आंख में भी रंगीन चश्मा लगा ले, पानी साथ लेकर घर से निकले एवं बीच बीच में पानी पीते रहे, अधिक समय तक धूप में न रहे, गर्मी के दौरान नरम, मुलायम, सूती के कपड़े पहनने चाहिए ताकि हवा और कपड़े पसीने को सोखते रहे, अधिक पसीना आने की स्थिति में ओआरएस की घोल पीएं। चक्कर आने, मितली आने पर छायादार स्थान पर  आराम करे तथा शीतल पेय जल अथवा उपलब्ध हो तो  फल का रस, दही, लस्सी, मठा, आदि का सेवन करें।

लू लगने पर प्रारंभिक उपचार

बुखार पीड़ित के सर पर ठंडे पानी की पट्टी लगावे। अधिक पानी व पेय पदार्थ जैसे कच्चे आम का जलजीरा आदि का सेवन करें। पीड़ित व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लिटा दें। शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करते रहें। पीड़ित व्यक्ति को शीघ्र ही पास के अस्पताल में इलाज के लिए ले जाए। मितानिन या एएनएम से ओआरएस की पैकेट हेतु संपर्क करे।       

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