सूरजपुर: ग्रामीण अर्थव्यस्था की रीढ़ मनरेगा के सभी अधिकारी और कर्मचारी 4 तारीख से हड़ताल पर चले गये है जिससे मनरेगा के पूरा कामकाज ठप हो गया है।

मनरेगा महासंघ के बैनर तले मनरेगा के समस्त अधिकारी कर्मचारी और रोजगार सहायक संघ अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर 4 अप्रैल से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गय है और उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ की सरकार ने जो वादा किया था घोषणा पत्र में उस वादा को निभाय और हम मनरेगा अधिकारी कर्मचारीयो का नियमतिकरण करें और नियमतिकरण की प्रकिया पूर्ण होने तक रोजगार सहायकों का ग्रेड पे का निर्धारण करें। हमसभी अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल में उतर आए है जबतक हमारी मांग पूरी नही होती यह हड़ताल जारी रहेगी समस्त छत्तीसगढ़ में काम बंद कलम बन्द हड़ताल जारी है ।

लगातार 8 वे दिन भी हड़ताल जारी…

मनरेगा के कार्य लगातार 8 दिनों से बंद है मजदूरों के सामने आर्थिक संकट उतपन्न हो गया है मजदूर पलायन करने को मजबूर हो रहे है सरकार के तरफ से कर्मचारियों के हित में कोई फैसला नही लेने के कारण मनरेगा कर्मचारी हड़ताल में डटे हुये है और उनका कहना है कि जब तक हमारी मांग पूरी नही होगी हमारा हड़ताल जरही रहेगा हम अपनी मांग पूरी होने तक पीछे नही हटेंगे।

मनरेगा महासंघ के बैनर तले समस्त छत्तीसगढ़ के मनरेगा अधिकारी कर्मचारी और रोजगार सहायक हड़ताल पर मनरेगा कार्य ठप…

मनरेगा ग्रामीण अर्थव्यस्था की रीढ़ होती है जिसका संचालन का प्रमुख जिम्मा मनरेगा के रोजगार सहायकों और अधिकारी कर्मचारियों का होता है इनके हड़ताल में चले जाने से समस्त मनरेगा कार्य बंद हो गये है मनरेगा मजदूरों के सामने गहरा संकट आ गया है जबकि सरकार की अन्य कई कार्यो में भी मनरेगा कर्मी की सहभागिता रहती है इनके हड़ताल में चले जाने से सरकार के महत्वपूर्ण विकास के कार्य भी प्रभावित हो रहें है छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार की महवपूर्ण योजनाय भी प्रभावित हो रही है इधर समस्त छत्तीसगढ़ के मनरेगा अधिकारी कर्मचारी अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर उतर गय है।

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