सूरजपुर: विधानसभा निर्वाचन 2023 कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों का अक्षरशः पालन हो, इसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारी संजय अग्रवाल के द्वारा सभा कक्ष में बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें उपस्थित अधिकारियों को नियमावली से अवगत कराते हुए बताया गया कि निर्वाचन के दौरान राजनैतिक दलों एवं उनके अभ्यर्थियों द्वारा चुनाव प्रचार करने के लिए शासकीय, अशासकीय भवनों पर नारे लिखे जाने तथा विद्युत एवं टेलीफोन के खंभों पर चुनाव प्रचार से संबंधित झंडिया लगाये जाने के कारण शासकीय, अशासकीय सम्पत्ति का स्वरूप विकृत हो जाता है।


छत्तीसगढ़ सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 की धारा 03 में निहित प्रावधानानुसार ’’कोई भी व्यक्ति जो सम्पत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी सम्पत्ति को स्याही खड़िया, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिख कर या चिन्हित कर के उसे विरूपित करेगा, वह जुर्माने से जो एक हजार रूपया तक का दण्डनीय होगा। इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय कोई भी अपराध संज्ञेय होगा।


निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार, सम्पत्ति विरूपण के संदर्भ में राज्य में प्रचलित विधि के प्रावधानों के अनुसार कठोर कार्यवाही किया जाना है। अतः एतद् द्वारा निर्देश दिया जाता है कि छत्तीसगढ़ सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम, 1994 के प्रावधानों का कठोरता पूर्वक अनुपालन सुनिश्चित करते हुए प्रभावी कार्यवाही की जाये। सम्पूर्ण चुनाव प्रक्रिया के दौरान विभिन्न राजनैतिक दलों अथवा चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा शासकीय एवं अशासकीय भवनों की दीवालों पर किसी भी प्रकार के नारे लिख कर विकृत किया जाता है, तो उनके विरूद्ध छत्तीसगढ़ सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जायेगी।


ग्राम व नगर में पर्याप्त संख्या में टीम का गठन किया गया है। टीम सघन भ्रमण कर विरूपित संपत्ति को सम्पत्ति विरूपण करने वाले के व्यय पर पूर्व स्वरूप में लाएगी तथा टीम द्वारा सम्पत्ति विरूपण करने वाले तत्वों के विरूद्ध अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत एफ.आई.आर. दर्ज कर कार्यवाही की जायेगी। यदि किसी राजनैतिक दल या निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थी द्वारा किसी निजी सम्पत्ति को बिना उसके स्वामी की लिखित सहमति के विरूपित किया जाता है, तो निजी सम्पत्ति के स्वामी द्वारा सम्बन्धित थाने में सूचना दर्ज कराने के बाद गठित टीम निजी सम्पत्ति को विरूपित होने से बचाने की कार्यवाही करेगा एवं सम्बन्धित थाना प्रभारी प्रदत्त सूचना रिपोर्ट पर विधिवत् जांच कर सक्षम न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किया जायेगा। इसी प्रकार किसी धार्मिक स्थल का उपयोग किसी भी में रूप में चुनाव प्रचार-प्रसार के लिये नहीं किया जायेगा।


थाना प्रभारी द्वारा सम्पत्ति विरूपण से सम्बन्धित प्राप्त शिकायतों पर तत्काल एफ.आई. आर दर्ज कर विवेचना प्रारम्भ की जायेगी सम्बन्धित टीम शिकायत या उन्हें प्राप्त सम्पत्ति विरूपण के प्रकरणों को पृथक पंजी में दर्ज करेगी एवं विरूपित संपत्ति की फोटोग्राफी व विडियोग्राफी जमा कराई जयेगी।

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