नई दिल्ली: देशभर के किसानों की आय बढ़ाने के लिए मोदी सरकार लगातार काम कर रही है। किसानों को उनके फसलों की सही कीमत मिले इसके लिए समय-समय पर एमएसपी में बढ़ोतरी समेत कई वित्तीय सहायता मुहैया करती है। अब केंद्र ने एकीकृत प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना को 15वें वित्त आयोग के दौरान 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, एकीकृत पीएम-आशा योजना का मकसद खरीद कार्यों का प्रभावी कार्यान्वयन करना है। यह योजना किसानों को अच्छी कीमत देने और जरूरी वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण है।

एकीकृत पीएम-आशा योजना की मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत दलहन, तिलहन और खोपरा की खरीद की जाती है। केंद्रीय नोडल एजेंसियां राज्यस्तरीय एजेंसियों के जरिये पंजीकृत किसानों से सीधे एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर यह खरीद करती हैं। सरकार ने पीएसएस के तहत खरीद वर्ष 2024-25 के लिए राज्य के उत्पादन के 100 प्रतिशत के बराबर तुअर, उड़द और मसूर को खरीदने की अनुमति दी है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खरीफ सत्र 2024-25 के लिए पीएसएस के तहत आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में तुअर (अरहर) की खरीद को मंजूरी दी है, जिसकी कुल मात्रा 13.22 लाख टन होगी। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में खरीद शुरू हो चुकी है। अन्य राज्यों में भी तुअर की खरीद बहुत जल्द शुरू होगी।

अबतक चीनी उत्पादन में 12% की गिरावट

भारत का चीनी उत्पादन सितंबर में समाप्त होने वाले चालू विपणन वर्ष में 15 फरवरी तक 12 प्रतिशत घटकर 197 लाख टन रह गया है। चीनी उद्योग के निकाय इस्मा ने यह जानकारी देते हुए कहा कि मुख्य रूप से महाराष्ट्र और कर्नाटक में कम उत्पादन के कारण यह गिरावट हुई। चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है। चीनी उत्पादन के आंकड़े एथनॉल बनाने के लिए इस्तेमाल हुए शीरे के बाद के हैं। भारतीय चीनी एवं जैव ऊर्जा निर्माता संघ (इस्मा) ने सोमवार को बयान में कहा कि चालू विपणन वर्ष 2024-25 में 15 फरवरी, 2025 तक चीनी उत्पादन 197.03 लाख टन तक पहुंच गया। पिछले साल की इसी इसी अवधि में यह आंकड़ा 224.15 लाख टन था। इस्मा के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन 67.77 लाख टन से घटकर 64.04 लाख टन रहा गया। चीन उत्पादन महाराष्ट्र में 79.45 लाख टन से घटकर 68.22 लाख टन और कर्नाटक में 43.20 लाख टन से घटकर 35.80 लाख टन रह गया है। इस्मा ने कहा कि 31 जनवरी तक एथनॉल आपूर्ति के आंकड़ों के अनुसार इसकी ओर चीनी का डायवर्जन करीब 14.1 लाख टन होने का अनुमान है। एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा करीब 8.3 लाख टन था।

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