नई दिल्ली। भारत के बड़े हिस्से में भारी वर्षा ने जून की कमी की भरपाई कर दी है, जुलाई की शुरुआत में ही मानसून देश के अलग-अलग हिस्सों में जमकर बरसा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, अगले दो-तीन दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत और प्रायद्वीपीय भारत के पश्चिमी हिस्सों में और अगले पांच दिनों के दौरान उत्तर-पूर्व में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।

उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में लगातार हो रही वर्षा के चलते दुश्वारियां बढ़ गई हैं। यही कारण है कि उत्तराखंड में अत्यंत भारी वर्षा के अलर्ट को देखते हुए रविवार को चारधाम यात्रा स्थगित कर दी गई। वहीं, जम्मू-कश्मीर में भी शनिवार को पहलगाम-बालटाल से बाबा अमरनाथ यात्रा स्थगित कर दी गई।

उत्तराखंड में नदी-नालों के रौद्र रूप धारण करने और भूस्खलन के कारण सड़कों पर खतरा बढ़ गया है। चमोली जिले में शनिवार को बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आकर हैदराबाद निवासी दो बाइकसवार तीर्थयात्रियों की मृत्यु हो गई। जबकि केदारनाथ मार्ग पर 20 घंटे तक 3,000 तीर्थयात्री फंसे रहे। भूस्खलन के चलते प्रदेश के 200 से अधिक संपर्क मार्ग बाधित हैं, जबकि 300 से अधिक गांव अलग-थलग पड़े हैं।

हिमाचल प्रदेश में भी कई जिलों में मूसलधार वर्षा का दौर जारी है। इसके अलावा मैदान में मध्य प्रदेश और राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में भारी वर्षा हुई है। उत्तराखंड स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, आठ जुलाई तक वर्षा का दौर इसी प्रकार बना रह सकता है। हिमाचल प्रदेश में भी मौसम विभाग ने एक सप्ताह तक ऐसा ही मौसम बने रहने की संभावना जताई है।

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को एक दिन के लिए स्थगित कर तीर्थ यात्रियों से अपील की गई है कि जहां हैं, वहीं विश्राम करें और मौसम साफ होने तक प्रतीक्षा करें। गढ़वाल मंडलायुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि रविवार शाम को बैठक में अगले दिन की यात्रा के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के लिए कहा गया है। साथ ही निर्देश दिया गया है कि ऋषिकेश और विकासनगर से तीर्थ यात्रियों को चारधाम यात्रा के लिए रवाना न किया जाए।

केदारनाथ राजमार्ग पर रुद्रप्रयाग में डोलिया देवी के समीप 20 घंटे तक तीर्थयात्री फंसे रहे। बदरीनाथ में मलबा आने से राजमार्ग सात स्थानों पर करीब नौ घंटे बंद रहा, जिससे बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आए 2,000 से अधिक श्रद्धालु जहां-तहां फंस गए। गंगोत्री राजमार्ग तीन और यमुनोत्री राजमार्ग चार घंटे बाधित रहा। इस दौरान एक हजार से अधिक तीर्थयात्री फंसे रहे। रुद्रप्रयाग में अलकनंदा व मंदाकिनी नदी का जलस्तर चेतावनी रेखा के ऊपर पहुंच गया है।

जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के कारण शनिवार को पहलगाम व बालटाल मार्ग से अमरनाथ यात्रा को स्थगित किया गया। रविवार को मौसम साफ होने पर ही श्रद्धालुओं को पवित्र गुफा की तरफ रवाना किया जाएगा। ऊधर जम्मू में भारी वर्षा के बीच ही आधार शिविर यात्री निवास भगवती नगर से 5876 श्रद्धालुओं का नौवां जत्था पहलगाम व बालटाल के लिए रवाना किया। हालांकि पहले से मौजूद 7552 श्रद्धालुओं ने शनिवार को पवित्र गुफा के दर्शन किए। इसके साथ ही अब तक पवित्र गुफा के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 1,59,498 पहुंच गई है।

मध्य प्रदेश के ग्वालियर अंचल में मानसून जैसे आकाश फाड़कर बरस पड़ा है। श्योपुर में राजस्थान के बारां, कोटा, पाली को जोड़ने वाले खातौली पुल पर चार से पांच फीट पानी के बहाव से सड़क संपर्क कट गया है। इसी तरह राजस्थान के कोटा और टोंक में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। हमीरपुर का बांध पूरी तरह भर गया, जिससे इसके बाद पानी बाहर रास्ते में बहने लगा है। टोंक में स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया।

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