बलरामपुर।बलरामपुर जिले के राजपुर पुलिस थाना इस समय सुर्खियों में चल रहा है। थाना प्रभारी के ऊपर आए दिन गंभीर आरोप लग रहे है। कुसमी मार्ग बूढ़ाबगीचा निवासी वाहन चालक ने पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंप आरोप लगाया है कि इसकी भतीजी की हत्या कर फांसी पर लटका दिया गया था मगर पुलिस बिना, मर्ग, पंचनामा, पोस्टमार्टम के ही लाश को लावारिश हालात में छोड़कर गायब हो गए। परिजनों ने हत्या के अज्ञात आरोपी को गिरफ्तार कर कार्यवाही की मांग है वही थाना प्रभारी ने आवेदन पत्र लेने से इनकार कर दिया।
ग्राम राज्यगढ़ जिला भीजीपुर यूपी निवासी वर्तमान पता कुसमी मार्ग ग्राम बूढ़ाबगीचा निवासी 39 वर्षीय वाहन चालक जालिम सिंह पिता उद्दम सिंह, पत्नी गीता देवी व पुत्री खुशबू सिंह ने पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंप कहा कि अपनी भतीजी राधा कुमारी के साथ रामेश्वर प्रसाद गुप्ता के यहां किराए के मकान लेकर रहते हैं। वाहन चलाने बाहर गया हुआ था पत्नी गीता देवी तीर्थयात्रा में गई हुई थी। घर पर अकेली भतीजी राधा कुमारी थी। सात अप्रैल रविवार को मकान मालिक के पुत्र प्रशांत गुप्ता ने मोबाइल फोन कर बताया कि आपकी भतीजी घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। सूचना उपरांत मौके पर पुलिस पहुंची और ग्रामीणों की मदद से बच्ची की लाश को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाकर लावारिस हालत में बच्ची की लाश को छोड़कर पुलिस बगैर मर्ग, पंचनामा, पोस्टमार्टम कराएं वापस लौट गई। बच्ची के परिजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर लाश को कब अपने साथ ले गए किसी को पता नही चल पाया। वाहन चलाकर 10 अप्रैल को वापस राजपुर लौटा तो पता चला कि बच्ची को फांसी लगाकर लटका दिया गया था बच्ची की दोनो पैर जमीन पर खड़ा था। मौके पर एक सुसाइड नोट मिला बच्ची की कॉपी से मिलान किया गया तो किसी और का लिखा हुआ था। राजपुर पुलिस थाना प्रभारी सुधीर मिंज के पास पहुंचकर बोले सर मेरी भतीजी की हत्या कर फांसी पर लटका दिया गया था जांच कराकर दोषियों के ऊपर करवाई करने की मांग की तो थाना प्रभारी आग बगुला होकर थाने से परिजनों को भगा दिया।
पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंप बच्ची की मौत की जांच की मांग करते हुए दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है। वही पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपने के बाद पुलिस ने शिकायतकर्ता को थाना बुलाकर पूछताछ कर रही है। ज्ञात हो कि बलरामपुर जिले के राजपुर पुलिस थाना पहुंच बड़ा है यहां आए दिन दर्जनों केस आते है ऐसे थाना प्रभारी को बैठाया गया है कि आवेदन लेने से कतराते हैं। यह जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है।
इस विषय पे थाना प्रभारी से मोबाइल फोन पर चर्चा करने की कोशिश की गई मगर थाना प्रभारी ने मोबाइल रिसीव नहीं किया।