सीतापुर/ रूपेश गुप्ता: राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद द्वारा छः बिंदुओं पर लालबहादुर शास्त्री स्टेडियम में आयोजित एक दिवसीय आदिवासी मूलनिवासी महासम्मेलन को प्रशासन ने अनुमति देने से मना कर दिया।प्रशासन के इस निर्णय के बाद आयोजक जेल भरो आंदोलन की तैयारी में है।

विदित हो कि 12 नवंबर को राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद द्वारा लालबहादुर शास्त्री स्टेडियम में एक दिवसीय आदिवासी मूलनिवासी महासम्मेलन का आयोजन किया गया था।इस महासम्मेलन में चर्चा हेतु उनके द्वारा छपवाये गए पंपलेट में जिन छः बिंदुओं का उल्लेख किया है उसके लिए उन्होंने मूल रूप से ब्राम्हणों को जिम्मेदार ठहराते हुए उनपर निशाना साधा है।जिससे आहत ब्राम्हण समाज ने इस पर आपत्ति दर्ज कराते हुए इसे ब्राम्हणों के प्रति समाज मे द्वेष फैलाने हेतु सोची समझी साजिश करार दिया है।इस संबंध में ब्राम्हण समाज द्वारा राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद पर भावनाओं को आहत करने एवं जानबूझकर ब्राम्हणों की छवि खराब करने का प्रयास बताते हुए एसडीएम को ज्ञापन सौंप महासम्मेलन पर रोक लगाने की मांग की थी।ब्राम्हण समाज द्वारा ज्ञापन सौंपने के बाद सर्व हिंदू समाज ने भी इसे सामाजिक समरसता एवं भाईचारे के लिए घातक बताते हुए ब्राम्हण समाज के समर्थन में ज्ञापन सौंप आयोजन पर रोक लगाने की मांग की थी।महासम्मेलन का विरोध बढ़ता देख प्रशासन ने बड़ी सूझ बूझ का परिचय देते हुए लालबहादुर शास्त्री स्टेडियम में आयोजित महासम्मेलन को अनुमति देने से मना कर दिया।प्रशासन के इस निर्णय के बाद राष्ट्रपति आदिवासी एकता परिषद जेल भरो आंदोलन की तैयारी में है।

इस संबंध में एसडीएम रवि राही ने बताया कि इस संबंध में आयोजन समिति के प्रतिनिधि मंडल से बात की गई।उनसे कहा गया कि महासम्मेलन के दौरान किसी भी समाज की भावनाएं आहत न हो तभी कार्यकम की अनुमति दी जाएगी।लेकिन उनकी बातों से ऐसा नही लगा कि वो प्रशासन की बात मानने को तैयार है।जिसे देखते हुए प्रशासन ने महासम्मेलन की अनुमति देने से मना कर दिया।प्रशासन के इस निर्णय के बाद अब वो जेल भरो आंदोलन की तैयारी में है।

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