नई दिल्ली। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने कहा कि शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून के तहत आने वाले सभी विद्यालयों में पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तकों और मूल्यांकन विधियों में एकरूपता सुनिश्चित की जानी चाहिए। इस संबंध में एनसीपीसीआर ने सभी प्रमुख सचिवों और स्कूली शिक्षा के सचिवों को पत्र लिखा है।
आयोग ने अपने पत्र में आरटीई अधिनियम, 2009 की धारा 29 के अनुपालन का महत्व बताया और कहा कि यह धारा विशेष रूप से प्रारंभिक शिक्षा के लिए पाठ्यक्रम और मूल्यांकन प्रक्रियाओं की रूपरेखा तैयार करती है। आयोग ने नौ अप्रैल को लिखे पत्र में विस्तृत सिफारिशों में अकादमिक अधिकारियों, विशेष रूप से केंद्रीय स्तर पर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) और राज्य स्तर पर संबंधित राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषदों (एससीईआरटी) द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
आयोग ने आरटीई के तहत आने वाले सभी केंद्रीय विद्यालयों और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध संस्थानों सहित सभी स्कूलों में पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तकों और मूल्यांकन विधियों में एकरूपता सुनिश्चित करने को कहा है। एनसीपीसीआर ने इन सिफारिशों को अमल में लाने को स्कूलों के लिए 30 दिन की समय सीमा निर्धारित की है।