सूरजपुर: जिला निर्वाचन अधिकारी संजय अग्रवाल द्वारा ध्वनि विस्तारक यंत्रो को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गये है। जिसमें लाउड स्पीकर या ध्वनि विस्तारक यंत्र या अन्य ध्वनि उत्पन्न करने वाले यंत्र का उपयोग सार्वजनिक स्थलों पर किया जा रहा हो तो उसकी सीमा उस क्षेत्र के परिवेशीय ध्वनि पैमाने से 10 डी.बी. (ए) से अधिक नहीं होना चाहिए या 75 डी.बी. (ए) से अधिक नहीं अथवा उनमें से जो भी कम है, से अधिक नहीं होनी चाहिए। लाउड स्पीकर या माईक सेट का उपयोग बिना जिला दण्डाधिकारी या अन्य सक्षम अधिकारी की लिखित अनुमति के बिना न किया जाये। रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के मध्य किसी को भी ध्वनि विस्तारक यंत्र ड्रम या टॉम-टॉम या ट्रमपैट पीटने या ध्वनि उत्पन्न करने वाले किसी भी यंत्र के उपयोग की अनुमति नहीं दी जा सकती।अतिसंवेदनशील क्षेत्रों जैसे अस्पताल, शिक्षण संस्थाएँ, अदालत, धार्मिक संस्थाएं आदि के कम से कम 100 मीटर दूरी तक पटाखे न फोड़े जाएं। इसी प्रकार इनसे 100 मीटर की दूरी तक प्रेशर हॉर्न या म्यूजिकल हॉर्न या अन्य किसी भी प्रकार का साउंड एम्पलीफायर का उपयोग प्रतिबंधित है। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 268, 290 एवं 291 ध्वनि प्रदूषण से संबंधित है, तथा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 133 के अंतर्गत अनुविभागीय दण्डाधिकारी को ध्वनि प्रदूषण नियंत्रित करने हेतु अधिकार दिया गया हैं।
जिले के सर्व अनुविभागीय दण्डाधिकारी, सर्व अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस), अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, क्षेत्रीय अधिकारी, छ.ग. पर्यावरण संरक्षण मंडल अम्बिकापुर, सर्व तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी, सर्व थाना प्रभारी प्रत्येक थाना क्षेत्र में प्रावधान के उल्लंघन पर कार्यक्रम की वीडियोग्राफी करते हुए डी.जे., धुमाल सहित वाहनों को शत-प्रतिशत राजसात करने का लक्ष्य पूर्ण कराना सुनिश्चित करेगें। आवश्यकतानुसार मोटर व्हीकल एक्ट के तहत भी कार्यवाही की जायेगी।