सुकमा: गांव मे मां बेटे की पौधों को बचाने की अनोखी पहल गर्मी में सूख रहे सागौन के पौधों को बोतल में ड्रिप चढ़ाकर दे पानी रहे हैं। आपको बता दे कि जिस तरह से डॉक्टर मरीजों को ग्लूकोस की बोतल चढ़ा कर इलाज कर उनकी जान बचाते हैं , वैसे ही गर्मियों से मर रहे पौधों को कबाड़ मे पड़े बोतलों से ड्रिप के माध्यम से बूंद बूंद पानी मां और बेटे दे रहे हैं। मां बेटे की इस पहल को सभी ग्रामीण सराह रहे हैं।

आपने ऐसा नजारा केवल अस्पतालों में देखा होगा जहां पर मरीजों को बचाने के लिए ग्लूकोस चढ़ा कर उनका जीवन किस तरह डॉक्टर बचाने में लगे रहते हैं ऐसा ही कुछ नजारा आज हमें ग्राम कुसमा में देखने को मिला जहां पर मां और बेटे अपने 3 एकड़ खेत में सागौन के पौधे लगाए हैं जहां गर्मियों की वजह से पौधे सूख रहे थे उन्हें बचाने के लिए ड्रिप का सहारा दिया जाना था मगर उनकी आमदनी इतनी ही है कि वे खेत पर ड्रिप सिस्टम लगा सके फिर क्या था उन्होंने जुगाड़ सही ड्रिप सिस्टम तैयार कर लिया

मां बेटे ने मिलकर एक ऐसा प्रयोग किया जो अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा हो सकता है मां बेटे की प्रेरणा से यह साबित कर दिया कि हर जरूरत पैसे से ही नहीं पूरा किया जा सकता बल्कि जुगाड़ लगाकर भी इसकी पूर्ति की जा सकती है

क्या किया गया सूख रहे पौधों को बचाने के लिए कहते हैं आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है और ऐसा कर दिखाया इस गांव के मां बेटे ने कुसमा ग्राम की रागिनी मरकाम और उसके पुत्र संतोष मरकाम अपनी खाली पड़ी बंजर जमीन पर शासन की योजना के तहत सैकड़ों पौधा फ्री में लिया उन्हें मुफ्त में मिले पौधे लगा भी दिए मगर पानी के अभाव से सूखने लगे तो उन्हें बचाने अब पूरे साडे 3 एकड़ में हर पौधे के साथ एक पानी की बॉटल लकड़ियों पर बांध दिया गया और इंसानों को चढ़ाने वाली ड्रिप को बोतल से जोड़ दिया गया और ड्रिप को अपने हिसाब से बूंद बूंद पानी गिरने के लिए अर्जेस्ट किया गया 11 पौधों पर बराबर पानी जाता रहे ऐसी तरकीब निकाली एक डॉक्टर की तरह इस पौधे की देखरेख में लगे है

कैसे मिली प्रेरणा –

संतोष मरकाम और रजनी मरकाम ने बताया कि अभी इतने पैसे नहीं हैं कि हम लाखों रुपए से ड्रिप सिस्टम लगाकर पौधों को पानी देता कि अचानक याद आया कुछ दिनों पूर्व अस्पताल में परिजन भर्ती थे उसे देखने गए उसे ग्लूकोस लगा था और पाइप से धीरे-धीरे शरीर में ग्लूकोस चल रहा था बस तुरंत हमने पानी की खाली बोतल एकत्रित करना शुरू कर दिया उसके बाद ग्लूकोस की बोतल में जो वायर के रूप में उपयोग में आता है उसे अस्पतालों से इकट्ठा कि उसे पानी से उबाला सैनिटाइजर किया हर पौधे में एक लड़की लकड़ी लगाकर उस पर बोतल चढ़ा कर उसे बटन के साथ जोड़ दिया अब हर पौधे में हम ट्रिप को कम ज्यादा अर्जेस्ट कर अपनी शॉप से पानी देते हैं जब जरूरत नहीं है तो हम ड्रिप को बंद कर देते हैं

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