![Picsart_22-11-20_20-17-08-651.jpg](https://i0.wp.com/www.cgmp.co.in/wp-content/uploads/2022/11/Picsart_22-11-20_20-17-08-651.jpg?resize=440%2C293&ssl=1)
![](https://www.cgmp.co.in/wp-content/uploads/2024/06/picsart_24-06-28_16-32-10-7591370341123526656217.jpg)
बलरामपुर: छत्तीसगढ़ में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लगातार भूपेश बघेल की सरकार का प्रयास जारी हैं। इसी कड़ी में बलरामपुर कलेक्टर विजय दयाराम के. ने एक अनोखी पहल की है जिसके तहत गौरलाटा जो छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची पहाड़ी के रूप में प्रसिद्ध जिसकी ऊंचाई लगभग 1225 मीटर है वहां पर ट्रैकिंग की शुरुआत कुछ दिन पहले अपने परिवार के साथ जाकर की।जो मीडिया में आने के बाद यह छत्तीसगढ़ का आकर्षण का एक मुख्य बिंदु बन चुका है । दूर-दूर राज्यों से यहां ट्रैकिंग के दृष्टिकोण से लोग आ रहे हैं और छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची पहाड़ी पर ट्रैकिंग कर अपने इस शौक को पूरा कर रहे हैं।
![](https://i0.wp.com/www.cgmp.co.in/wp-content/uploads/2022/11/IMG-20221120-WA0167.jpg?resize=696%2C464)
छत्तीसगढ़ सहित देश के भिन्न-भिन्न राज्य पश्चिम बंगाल,उड़ीसा,झारखंड मध्यप्रदेश,महाराष्ट्र से 35-40 सदस्यों की टीम आज गौरलाटा में ट्रैकिंग कर वहाँ की प्राकृतिक सौंदर्य की खुले दिल से तारीफ की। 36 माउंटेन ओर जोश वेलफेयर की टीम ने गौरलाटा में अपनी कैंपिंग की साथ ही 6 किलोमीटर की ट्रैकिंग की। 1225 मीटर की ऊंचाई पर पहुंच उन्होंने ट्रैकिंग की पहल हेतु बलरामपुर कलेक्टर विजय दयाराम के को धन्यवाद ज्ञापित किया।36 Montane तथा जोश वेलफेयर की टीम 3 दिन के बलरामपुर भ्रमण के दौरान डीपाडीह, गौरलाटा, तातापानी वनवाटिका में कैंपिंग की और स्थानीय पर्यटन को जमकर सराहा।
![](https://i0.wp.com/www.cgmp.co.in/wp-content/uploads/2022/11/IMG-20221120-WA0168.jpg?resize=696%2C464)
इसमें दो मत नहीं कि जल्द ही यह सरगुजा के पिलखा पहाड़ और मैनपाट से कुछ ज्यादा पसंदीदा पर्यटन स्थल हो जाए।
कलेक्टर विजय दयाराम के. से बात करने पर पता चला कि वह सर्वप्रथम इस पहाड़ की चढ़ाई करने के लिए आ रहे सैलानियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य की जिम्मेदारी प्रशासन ने उठाई है ,साथ ही साथ पर्यटन के विकास से स्थानीय युवाओं को रोजगार के साधन विकसित करने में जुटे हैं।
![](https://i0.wp.com/www.cgmp.co.in/wp-content/uploads/2022/11/IMG-20221120-WA0166.jpg?resize=696%2C464)
बलरामपुर जो आज तक एक नक्सल प्रभावित और दुरुस्त जिला के रूप में देखा जाता था उसके उत्थान का इस कलेक्टर ने एक नया अध्याय शुरू कर दिया है अब यह देखना है कि यह अध्याय कितनी दूर तक जाता है इसके पहले बलरामपुर को सिर्फ तातापानी महोत्सव के नाम से जाना जाता या फिर नक्सलियों के गढ़ के नाम से पर अब बलरामपुर छत्तीसगढ़ में अपनी एक अलग पहचान बनाने पर उतारू हो चुका है।
![](https://i0.wp.com/www.cgmp.co.in/wp-content/uploads/2022/11/IMG-20221120-WA0164.jpg?resize=696%2C464)