नई दिल्ली. सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स 1989 के तहत भारत सरकार ने PUC (अंडर पॉल्यूशन कंट्रोल) सर्टिफिकेट को अनिवार्य कर दिया है. रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और इंश्योरेंस पॉलिसी की तरह यह PUC सर्टिफिकेट सभी वाहनों के लिए अनिवार्य है, चाहे वह चार पहिया वाहन हो या दो पहिया वाहन.

पीयूसी सर्टिफिकेट एक वर्ष से अधिक पुराने वाहनों के लिए मान्य है. किसी भी नए वाहन को एक साल तक के लिए प्रदूषण जांच से छूट दी गई है. पीयूसी नहीं रखने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लग सकता है. इस दस्तावेज के महत्व को ध्यान में रखते हुए हम बताते हैं कि पीयूसी प्रमाणपत्र को कैसे डाउनलोड किया जाए.

पेट्रोल या डीजल पर चलने वाला वाहन जली हुई गैसों के रूप में धुंआ छोड़ते हैं, जिसमें CO2, NOx जैसी हानिकारक गैस शामिल होती हैं. यह सभी के लिए हानिकारक हो सकता है. एक पीयूसी (पॉल्युशन अंडर कंट्रोल) प्रमाणपत्र या वाहन प्रदूषण प्रमाणपत्र अधिकृत प्रदूषण परीक्षण केंद्रों द्वारा जारी किया गया एक दस्तावेज है, जो वाहन से उत्सर्जन के स्तर को दर्शाता है. ये केंद्र वाहन के उत्सर्जन का परीक्षण करने के बाद यह प्रमाण पत्र जारी करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि ये उत्सर्जन सरकार द्वारा निर्दिष्ट स्वीकार्य मानदंडों के भीतर हैं.

आप सरकारी ऑथराइज्ड पीयूसी सेंटर और आरटीओ जैसे अधिकृत निकायों से ऑनलाइन या ऑफलाइन एक वैध पीयूसी प्रमाणपत्र बनवा सकते हैं. अपना पीयूसी प्रमाणपत्र ऑफलाइन या ऑनलाइन भी डाउनलोड कर सकते हैं.

सबसे पहले चेक करवाने के लिए अपनी कार को नजदीकी पीयूसी सेंटर ले जाएं. पीयूसी ऑपरेटर एग्जॉस्ट पाइप का निरीक्षण करेगा और वाहन के उत्सर्जन स्तर का निर्धारण करेगा. सेवा शुरू करने के लिए पीयूसी केंद्र को भुगतान करें. इसके बाद आप परिवहन सेवा की वेबसाइट पर जाएं, जहां आप पीयूसी सर्टिफिकेट की स्थिति ऑनलाइन चेक सकते हैं और साथ ही उसकी एक फोटो कॉपी भी डाउनलोड कर सकते हैं.

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