बलरामपुर: प्रदेश में चल रहे सुपोषण अभियान का असर शहरी इलाकों के साथ-साथ अब ग्रामीण क्षेत्रों में दिखने लगा है। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही व जागरूकता में कमी के चलते जन्म से ही कुपोषित एवं कमजोर बच्चों की सेहत इस अभियान ने संवार दी है।

बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से ऐसे ही कुपोषित एवं कमजोर बच्ची नितिका की सेहत को सुरक्षा मिल गई तथा उसके चेहरे पर हंसी की मुस्कान बिखेर दी है। विकासखण्ड वाड्रफनगर के ग्राम शारदापुर(सु.) निवासी रामसागर एवं मानमती देवी की पुत्री नितिका का जन्म 22 सितम्बर 2017 को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सुलसुली में हुआ था। नितिका प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सुलसुली में जन्मी थी और जन्म से ही मध्यम कुपोषित थी। जन्म के समय नितिका का वजन 2 किलो था तथा वह बहुत कमजोर थी। ऐसे में जिले में महिला बाल विकास द्वारा संचालित शासन की मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से निकिता को जोड़ा गया। शारदापुर(सु.) की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुशीला गुप्ता के द्वारा निकिता के माता-पिता से गृह भेंट किया गया तथा नितिका के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी गई। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा बच्चे को सिर्फ मां का दूध पिलाने, नाल को सूखा एवं साफ रखने तथा बच्चे को गर्म रखने तथा मां को पौष्टिक भोजन एवं रेडी-टू-ईट फूड खाने का सुझाव दिया गया। नितिका जन्म के समय मध्यम कुपोषित तो थी किन्तु कुछ दिनों पश्चात् गंभीर कुपोषित हो गयी। 06 माह पश्चात आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा नितिका का वजन कर उसके माता-पिता को दिखाया गया तथा नितिका की कुपोषण स्तर की जानकारी दी गई कि वह गंभीर कुपोषित है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने नितिका को ऊपरी आहार खिलाने के लिए चावल, दाल, हरी साग-सब्जी, मुलायम पकाकर एवं मसलकर खिलाने के लिए कहा तथा केला एवं दूध देने व धीर-धीरे खाने की मात्रा बढ़ाने का सुझाव दिया गया। नितिका का प्रत्येक माह वजन लिया गया, नितिका का वजन साढ़े चार किलो हो गया। पुनः आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा माता-पिता से गृह भेंटकर बच्चे का विशेष रूप से ध्यान देने का सुझाव दिया गया। इसी कड़ी में जून 2018 में ग्राम पंचायत करमडीहा में मुख्यमंत्री बाल संदर्भ सेवा के तहत शिविर का आयोजन किया। शिविर में नितिका का इलाज किया गया तथा अगले दिन सेक्टर की पर्यवेक्षक सीता यादव एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुशीला गुप्ता के द्वारा पुनः नितिका के माता-पिता से गृह भेट किया गया। गृह भेट के दौरान नितिका के माता-पिता को बताया गया कि शिविर में मिली दवाई एवं प्रोटीन पाउडर को समय पर खिलाने व घर में जो भी पौष्टिक भोजन उपलब्ध है उसे दिन में 5-6 बार खिलाने तथा रेडी टू ईट व इससे विभिन्न प्रकार के पौष्टिक भोजन बनाकर खिलाने का सुझाव एवं नितिका के साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने को कहा गया। कार्यकर्ता द्वारा प्रत्येक माह नितिका के वजन के पश्चात माता-पिता को उसके कुपोषण की जानकारी दी जा रही थी। ग्राम पंचायत सुलसुली के आंगनबाड़ी केन्द्र में मुख्यमंत्री बाल संदर्भ सेवा शिविर का आयोजन किया। शिविर में पुनः नितिका का इलाज किया गया तथा माता-पिता से भेंटकर मुनगा खिलाने एवं खान-पान पर विशेष ध्यान देने को कहा गया। 2.5 वर्ष की उम्र में नितिका का वजन किया गया जिसमें वह 9.50 किलो की हुई। नितिका अब गंभीर कुपोषित से मध्यम कुपोषित में आ गई। आंगनबाड़ी केन्द्र में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत अण्डा वितरण शुरू होने से नितिका को प्रत्येक दिवस अण्डा तथा गर्म भोजन खिलाया गया। नितिका का अब अच्छे से देखभाल होने व नियमित गर्म भोजन खाने से उसकी वजन में वृद्धि होने लगी। 25 जनवरी 2021 को पुनः वजन करने पर उसका वजन 11.70 किलो हुआ। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा वृद्धि चार्ट भरने से पता चला कि नितिका मध्यम कुपोषित से सामान्य श्रेणी में आ गई है, अब वह पूर्ण रूप से स्वस्थ है। नितिका के माता-पिता बताते हैं कि यह सब मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के कारण ही संभव हो सका है और वह इस महत्वाकांक्षी योजना की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री को सहृदय धन्यवाद देते हैं।

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