यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार 18 अप्रैल को बच्चों और महिलाओं के हित के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने निर्देश दिया कि प्रत्येक मंडल मुख्यालय पर कम से कम एक महिला संरक्षण गृह और महिला शरणालय की स्थापना कराई जाए. साथ ही कहा कि इस कार्य को शीर्ष प्राथमिकता के साथ करें. वहीं, सीएम योगी ने गरीब की बेटी के विवाह के लिए सहायता राशि 51 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये किये जाने के लिए आवश्यक प्रबंध करने की हिदायत दी है.
दरअसल लखनऊ में मंत्रिमंडल के समक्ष सामाजिक सुरक्षा सेक्टर के आठ विभागों की कार्ययोजना प्रस्तुतिकरण के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपरोक्त निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण और बच्चों के सुपोषण के लिए समर्पित भाव से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को स्नातक स्तर पर मुफ्त शिक्षा देने के लिए कार्ययोजना तैयार करें और निर्माण श्रमिकों के बच्चों और निराश्रित बच्चों के लिए बन रहे 18 मंडलों में अटल आवासीय विद्यालयों का संचालन शुरू कराया जाए.
योगी ने प्रत्येक मंडल मुख्यालय पर कम से कम एक महिला संरक्षण गृह और महिला शरणालय की स्थापना कार्य को शीर्ष प्राथमिकता के साथ कराने के निर्देश के साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत 9वीं या उससे उच्च कक्षाओं में अध्ययनरत समस्त पात्र बच्चों को लैपटॉप प्रदान किया जाए.
मुख्यमंत्री ने सामाजिक विवाह योजना के तहत गरीब की बेटी के विवाह के लिए सहायता राशि 51 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये किये जाने के लिए आवश्यक प्रबंध करने की हिदायत दी. उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग की बालिकाओं के विवाह के लिए शादी अनुदान योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए. योगी ने कहा कि यह सुखद है कि पिछले छह वर्षों में तीन लाख 85 हजार 517 बालिकाओं का विवाह संपन्न हुआ है। और इसके तहत अगले छह माह में कम से कम 20 हजार लाभार्थियों को लाभान्वित किया जाए. वहीं, उन्होंने सामाजिक सुरक्षा पेंशन, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना तथा बाल सेवा योजना से वंचित पात्र लोगों को जोड़ने के लिए विकास खंड स्तर पर स्वावलम्बन कैंप आयोजित किए जाने के निर्देश दिये हैं.