पटना। नए साल में प्रदेशवासियों को राजधानी पटना स्थित सभी बड़े अस्पतालों में कमोवेश कई नई सुविधाएं मिलेंगी। प्रदेश के सभी अस्पतालों में मुफ्त मिलने वाली दवाओं की संख्या करीब तीन गुना यानी 611 हो जाएगी। वहीं, सबसे बड़ी खुशखबरी यह है कि प्रदेश के सबसे बड़े मल्टी सुपरस्पेशियलिटी हास्पिटल इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान(आइजीआइएमएस) में ओपीडी, जांच व सर्जरी की सुविधाएं मुफ्त होना।
देश में पीजीआइ श्रेणी के किसी भी मल्टीसुपर स्पेशियालिटी अस्पताल में शत-प्रतिशत मुफ्त उपचार की सुविधा अबतक नहीं है। इसके अलावा एम्स पटना, प्रदेश के सबसे बड़े व प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज पीएमसीएच, इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान, राजेंद्र नगर विशिष्ट नेत्र अस्पताल, लोकनायक जयप्रकाश नारायण हड्डी विशिष्ट हास्पिटल में भी उपचार सुविधाएं बढ़ेंगी।
इसके अलावा जिला सदर अस्पताल श्रीगुरुगोविंद सिंह अस्पताल को राष्ट्रीय मानक एनक्वास प्रमाणपत्र व न्यू गार्डिनर इंडोक्राइन विशिष्ट अस्पताल को नया भवन मिलने की उम्मीद है।कैबिनेट से पारित होने के बाद 15 जनवरी से इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में ओपीडी, जांच व सर्जरी की सुविधाएं मुफ्त होने की उम्मीद है। पीएमसीएच के बाद अब आइजीअाइएमएस में न सिर्फ आयुष्मान कार्ड वाले बल्कि सभी गरीबों का यहां मुफ्त उपचार होगा। इसकी एवज में सरकार संस्थान को 60 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी।
इसके अलावा फरवरी में आइजीआइएमएस स्थित क्षेत्रीय चक्षु संस्थान 200 बेड के नए भवन में स्थानांतरित हो जाएगा। अभी 60 बेड हैं और जगह की कमी के कारण कई विशिष्ट उपचार की सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। मार्च में 500 बेड का एक अन्य भवन तैयार हो जाएगा, जिसमें सभी विभागों के सामान्य वार्ड होंगे। इसके बाद यह पीएमसीएच के बाद प्रदेश का दूसरा सर्वाधिक बेड वाला अस्पताल हो जाएगा।एम्स पटना नए वर्ष में एक ओर ओपीडी-इमरजेंसी रोगियों तक सहज-सुगम तरीके से उत्कृष्ट उपचार सुविधा मुहैया कराने के लिए प्रक्रिया में सुधार करेगा तो कई नई सुविधाएं भी मिलेंगी। इसमें सबसे अहम है इमरजेंसी-ट्रामा रोगियों के लिए आइसीयू बेड की सुविधा बढ़ाना। दिसंबर 2024 तक 64 बेड का क्रिटिकेल केयर हास्पिटल और 280 बेड का इमरजेंसी मेडिसिन हास्पिटल शुरू करने की योजना है।
64 बेड के क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल का निर्माण चल रहा है जबकि इमरजेंसी मेडिसिन हॉस्पिटल का कार्य वित्त विभाग की स्वीकृति का इंतजार है। इसके अलावा अत्याधुनिक बर्न हॉस्पिटल भी तीन माह में तैयार हो जाएगा। योग चिकित्सा विभाग व 30 बेड का वार्ड भी इस वर्ष शुरू हो जाएगा। इसके अलावा अन्य योजनाएं 2025 तक पूरी होंगी।
प्रदेश में गंभीर रोगियों के मुफ्त इलाज के सबसे बड़े अस्पताल के रूप में प्रसिद्ध पीएमसीएच के दिन दो वर्ष की दुर्गति के बाद अब बहुरने वाले हैं। यहां एक ओर जून में 160 बेड, 51 आइसीयू, 6 माड्युलर ओटी समेत 8 सुपरस्पेशियलिटी विभागों की ओपीडी वाला भवन मिल जाएगा। जहां रोगी आठ विशिष्ट विभागों से संबंधित रोगों का उपचार एक छत के नीचे करा सकेंगे तो वहीं, 2400 बेड का दूसरा भवन भी मिल जाएगा।
इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान में नववर्ष में ओपेन बाईपास समेत सभी प्रकार की हृदय सर्जरी शुरू हो जाएगी। इसके अलावा नई ओपीडी का विधिवत उद्घाटन और मरीजों के तीमारदारों के लिए रैन बसेरा का निर्माण हो जाएगा।
मिशन बुनियाद से ग्रामीण अस्पतालों के बहुरेंगे दिन
दिसंबर के अंतिम सप्ताह में उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने मिशन-60, जिला व मेडिकल अस्तपालों के लिए मिशन परिवर्तन के बाद अब ग्रामीण अस्पतालों के लिए मिशन बुनियाद शुरू किया है। इसके तहत 60 दिन में ग्रामीण क्षेत्रों के तमाम अस्पतालों में मरीजों को तमाम बुनियादी इलाज सुविधाएं मुहैया कराने के साथ आधारभूत संरचना में सुधार का अभियान शुरू किया है।
ये सुविधाएं भी मिलेंगी नववर्ष में :
– LNJP हड्डी हॉस्पिटल में 400 बेड का नया भवन और MRI जांच सुविधा शुरू होगी।
– राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज को नया अधीक्षक मिलने के साथ पंचकर्म की सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।
– राजेंद्र नगर नेत्र हॉस्पिटल में नए निदेशक की नियुक्ति के साथ डाक्टरों के रिक्त पद भरेंगे और नए उपकरण मिलेंगे।
– न्यू गार्डिन रोड इंडोक्राइन हॉस्पिटल के प्रस्तावित नए भवन का निर्माण कार्य शुरू होगा।
– श्री गुरु गोविंद सिंह हॉस्पिटल को राष्ट्रीय मानक का अस्पताल बनाने के लिए एनक्वास प्रमाणपत्र मिलेगा।
– शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में रिक्त डाक्टरों के पद भरेंगे और जांच की सुविधाएं बढ़ेंगी।