बलरामपुर: कलेक्टर रिमिजियुस एक्का के निर्देशन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रेना जमील के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद पंचायत शंकरगढ़ के सभाकक्ष में विगत दिवस जिला स्तरीय टीबी मुक्त पंचायत की पहल हेतु अंतर्विभागीय संवेदनीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य बलरामपुर जिले की 468 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त करना है। इसके लिए राज्य स्तर से डब्लूएचओ सलाहकार डॉ. रितु कश्यप ने टीबी मुक्त पंचायत के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य योजना बनाने पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए सभी विभाग समन्वय के साथ अपनी सहभागिता दिखाएं। कार्यशाला में जिले के सभी पंचायतों को टीबी मुक्त करने हेतु रणनीति बनाई गई एवं उसके संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रेमचंद बनर्जी ने बताया की टीबी मुक्त भारत की शुरुआत सबसे छोटी इकाई ग्राम पंचायत से होगी। टीबी मुक्त ग्राम पंचायत का लक्ष्य हासिल करने के लिए पंचायत विभाग की वार्षिकी कार्य योजना ग्राम प्रधान डेवलपमेंट प्रोग्राम (जीपीडीपी) को बढ़ाने के लिए पंचायत विभाग की ओर से स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से प्रत्येक ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाना है। इसी अवधारणा से उपस्वास्थ्य केन्द्र एवं ग्रामीण स्तर पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा आयुष्मान भारत हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर एवं ग्राम पंचायतों के सहयोग से टीबी मुक्त की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। साथ ही बैठक में सीएमएचओ के द्वारा बीएमओ को टीबी मुक्त पंचायत हेतु आवश्यक निर्देश भी दिए गए।
कार्यशाला में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत शंकरगढ़ संजय दुबे, सीएमएचओ जिला क्षय नियंत्रण अधिकारी डॉ. बसंत कुमार सिंह, जिला कार्यक्रम प्रबंधक राजीव रंजन मिश्रा, खण्ड चिकित्सा अधिकारी, खण्ड कार्यक्रम प्रबंधक, जिला मितानिन समन्वयक एवं स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं समस्त टीबी विभाग के स्टॉफ मौजूद रहे।