
अंबिकापुर: राष्ट्रीय सेवा योजना के राज्य स्तरीय सात दिवसीय विशेष शिविर जो की अंबिकापुर में ग्राम केशवपुर के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम महाविद्यालय में निदेशक डॉ नीता बाजपेयी, संयोजक डॉ एस. एन. पाण्डेय एवं सह संयोजक श्रद्धा मिश्रा के नेतृत्व में आयोजित किया जा रहा है के चौथे दिन की शुरुआत योग प्राणायाम एवं पीटी से हुआ। तत्पश्चात नाश्ता करके सभी स्वयंसेवकों द्वारा परियोजना कार्य के तहत् खेल ग्राउंड का निर्माण, कालेज परिसर की साफ सफाई आदि कार्यों का सफलतापूर्वक संपन्न करने के पश्चात बौद्धिक परचर्चा के लिए सभी स्वयंसेवक सभा कक्ष में एकत्रित हुए जिसमें मुख्य प्रवक्ता के रूप में संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉक्टर शारदा प्रसाद त्रिपाठी एवं जिला प्रचारक सरगुजा जितेंद्र शर्मा उपस्थित थे। बौद्धिक परिचर्चा सत्र का शुभारंभ मा भारती, छत्तीसगढ़ मैया, व स्वामी विवेकानन्द जी के छायाचित्र के समक्ष द्वीप प्रज्वलित कर लक्ष्य गीत से हुआ।
इस सत्र में मुख्य प्रवक्ता के रूप में उपस्थित कुल सचिव ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए भारत के विकास में ग्रामीणों का किस प्रकार का योगदान है को विस्तार से बताते हुए कहा कि भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के के लिए ग्रामीण महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं क्योंकि फसलों के उत्पादन के लिए वह गोबर खाद का उसे करते हैं जो अन्य रासायनिक करो के अपेक्षा अधिक शक्तिशाली है यह प्राकृतिक रूप से फसलों को मजबूत बनाती है और रोगों से लड़ने के लिए तैयार करती है। इसी क्रम में उन्होंने गंगा, गायत्री एवं गाय के बारे में विशेष परिचय दिया उन्होंने कहा कि गंगा को मां का दर्जा दिया गया है क्योंकि गंगा का पानी हजारों वर्षों के बाद भी खराब नहीं होता जिसका जिक्र शास्त्रों एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से किया गया है यह कई प्रकार की बीमारियों का भी नाशक है जिसकी पुष्टि वैज्ञानिक भी कर चुके हैं उन्होंने गाय के बारे में बातें करते हुए कहा कि देसी गायों का दूध सर्वश्रेष्ठ माना गया है। गायत्री मंत्र के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि गायत्री मंत्र का प्रभाव बहुत ही महत्वपूर्ण है यदि जीवन काल में हम गायत्री मंत्र का पाठ करते हैं तो यह कई प्रकार की बीमारियों का नाशक होती है और शांति प्रदान करती है इसलिए हमें धर्म के अनुसार और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से गायत्री मंत्र का पाठ करना चाहिए। बौद्धिक पर चर्चा सत्र को आगे बढ़ते हुए मंचाशिन प्रवक्ता श्री जितेंद्र शर्मा ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन का लक्ष्य है 2047 का विकसित भारत कैसा हो 2047 के भारत के प्रति प्रत्येक लोगों का लक्ष्य क्या होगा जैसे डॉक्टर का लक्ष्य क्या होगा इंजीनियर का लक्ष्य क्या होगा वे किस रूप में भारत को देखना चाहते हैं। भारत देने वाला भारत है यदि आप भारत को जानना चाहते हैं तो भारत के प्रेमी बन जाओ भारत दुनिया का सर्वश्रेष्ठ देश है या प्रकृति के द्वारा रचा हुआ एक ऐसा सुंदर देश है जहां आपको दुआ में एक नई छवि दिखेगी हर युवा भारत के प्रति अपने एक नया दृष्टिकोण लेकर के चल रहा है हर युवा के मन में आज भारत के लिए कोरोना जैसे महामारी में पूरी दुनिया के लिए भारत ही सहारा बना हमारा लक्ष्य है कि 2047 का भारत विश्व गुरु के रूप में उभरे। यदि किसी को भारत को जानना है यहां के युवा को जानना होगा। भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए आप अपना लक्ष्य बनाओ और भारत माता की जय करते हुए आगे बढ़ो आपको आपका लक्ष्य जरूर मिलेगा यदि सभी युवा अपने लक्ष्य के प्रति अग्रसर हो तो हमारा भारत आने वाले 2047 में विश्व गुरु के रूप में उभरेगा और एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा यह आपको तय करना है कि आप क्या पढ़ना चाहते हैं क्या आपको पढ़ना है क्या सुनना है और क्या देखना है मंजिल स्वतः ही आपको मिल जाएगी।इसके पश्चात संध्याकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम के सत्र में समूचे स्वयंसेवकों ने अपने-अपने क्षेत्र जिले और पारंपरिक नृत्य, नृत्य नाटिका और गीत संगीत के माध्यम से अन्य जिलों के स्वयंसेवकों को मनोरंजन से शारोबार कर दिया।इस कार्यक्रम में स्थानीय जिला संगठक प्रो. खेमकरण अहिरवार एवं कार्यक्रम अधिकारी विनितेश गुप्त, देवेंद्र दास सोनवानी, राकेश राय, रीता गिरी, सुनील चक्रधारी आदि के साथ सभी स्वयंसेवकों ईवीएम अन्य अधिकारियों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।